IAS अभिषेक की कुर्सी गई, अब इस अधिकारी के हाथ में कमान; बाकी अफसरों पर भी लटकी तलवार!
निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश पर सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए 3.5 सौ करोड़ रुपये कमीशन मांगने का आरोप है। विजिलेंस जांच शुरू हुई अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। गिरफ्तार निकान्त जैन की पुलिस रिमांड की तैयारी है। कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। एफआईआर में और अधिकारियों के नाम जोड़े जा सकते हैं। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ का प्रभार प्रथमेश कुमार को सौंपा गया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे निलंबित आइएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के विरुद्ध विभागीय जांच के साथ विजिलेंस जांच भी होगी। सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने के सात हजार करोड़ रुपये का निवेश होना था, जिसके लिए पांच प्रतिशत रकम (साढ़े तीन साै करोड़ रुपये) बतौर कमीशन मांगी जा रही थी। मामले में इन्वेस्ट यूपी के अन्य अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ना भी तय माना जा रहा है।
प्रकरण में मूल्यांकन समिति की बीती 12 मार्च को हुई बैठक में एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर भी विचार किया गया था, लेकिन यीडा व यूपीपीसीएल को दस्तावेज उपलब्ध कराने और पुनर्मूल्यांकन का पेंच फंसा कर अंतिम कार्यवृत्त जारी कर दिया गया।
इन्वेस्ट यूपी के अन्य अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ना भी तय
इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि पुनर्मूल्यांकन के निर्णय में किन-किन अधिकारियों की भूमिका थी और पांच प्रतिशत कमीशन की रकम में किन-किन अधिकारियों व दलालों की हिस्सेदारी होनी थी। इसकी तह तक पहुंचने के लिए इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रहे अभिषेक प्रकाश के कुछ करीबियों की भूमिका की भी जांच शुरू की गई है।
निकान्त जैन को पुलिस रिमांड पर लिए जाने की भी तैयारी
मामले में कमीशन मांगने के आरोप में गिरफ्तार निकान्त जैन को पुलिस रिमांड पर लिए जाने की भी तैयारी है। खासकर उस अधिकारी का नाम उगलवाया जाएगा, जिसने कारोबारी काे निकान्त का नंबर देकर बात करने को कहा था। सूत्रों का कहना है कि अभिषेक प्रकाश व निकान्त जैन की काल डिटेल भी खंगाली जा रही है। माना जा रहा है कि निकान्त के बयान दर्ज किए जाने के बाद एफआइआर में कुछ अधिकारियों भी आरोपित बनाए जा सकते हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि निकान्त जैन के पिता स्वर्गीय सुधीर कुमार जैन एक बड़े ठेकेदार थे। 90 के दशक में मेरठ से लखनऊ आए सुधीर जैन ने लखनऊ में पहले प्रापर्टी डीलिंग का काम किया और उसके बाद ठेकेदारी व रियल एस्टेट के काराेबार से जुड़े।
सुधीर जैन की फर्म एसएन इंटरप्राइजेज ने कई बड़े सरकारी ठेके लिए। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार सरोजनीनगर में सांई स्पोट्र्स कालेज, चौक में अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर व गोमतीनगर में मिनी स्टेडियम के निर्माण समेत कई बड़ी सरकारी परियोजनाएं हासिल की थीं। उन्होंने पंजीरी की सरकारी सप्लाई व मिट्टी की तेज की सप्लाई का बड़ा काम भी हासिल किया था।
मिट्टी के तेल की सरकारी सप्लाई में गड़बड़ी के मामले में ही मेरठ में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। उन्होंने गोमतीनगर के विरामखंड में आलीशान मकान बनवाया था। पिता की मृत्यु के बाद निकान्त के बड़े भाई सुकांत जैन रियल एस्टेट समेत आधा दर्जन से अधिक कंपनियों का संचालन करते हैं, जिनमें निकान्त भी शामिल है।
ओ-जनरल एसी की बड़ी डीलरशिप भी है। परिवार गरीबों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराने का काम भी करता है। हाई स्कूल तक पढ़ा निकान्त पिता के रसूख के चलते ही कई बड़े अधिकारियों के संपर्क में अाया था। अभिषेक प्रकाश के डीएम लखनऊ के पद पर तैनाती के दौरान निकान्त उनके संपर्क में अाया था और कोरोना काल के दौरान करीबी हो गया था।
खंगाले जा रहे संपर्क
इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि अभिषेक प्रकाश के माध्यम से निकान्त किन-किन लोगों के संपर्क में आया था। एक अधिकारी के अनुसार लगभग डेढ़ दशक पहले निकान्त का लखनऊ विश्वविद्यालय में काफी आना-जाना था और वहां से उसने अपना नेटवर्क बढ़ाया था।
मामले में एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने इन्वेस्ट यूपी में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। आरोप था कि मूल्यांकन समिति की बैठक में उनके आवेदन को स्वीकृत किया गया था। इससे पहले इन्वेस्ट यूपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने निकान्त जैन का नंबर दिया था और कहा था कि इनसे बात कर लें। निकान्त ने उनके आवेदन पर पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी।
कमीशन देने से मना करने पर उनके आवेदन को संस्तुति मिलने के बाद पत्रावली पर टालमटोल किया जाता रहा। निकान्त ने कमीशन देने के बाद ही उनका काम होने की बात भी कही थी। विश्वजीत दत्ता की शिकायत पर गुरुवार को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर निकान्त को गिरफ्तार कर लिया गया था।
प्रथमेश कुमार को सौंपा इन्वेस्ट यूपी के सीईओ का प्रभार
शासन ने इन्वेस्ट यूपी के एसीओ व एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार को इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का प्रभार भी सौंप दिया है।
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