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    हनुमान जी, सबके हैं उन्हें धर्म और जाति में बांटना ठीक नहीं: राजनाथ सिंह

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Mon, 24 Dec 2018 08:23 AM (IST)

    केजीएमयू को एम्स का दर्जा दिलाने का मामला। गृहमंत्री बोले, जरूरत पड़ी तो नियमों में भी बदलाव करेंगे।

    हनुमान जी, सबके हैं उन्हें धर्म और जाति में बांटना ठीक नहीं: राजनाथ सिंह

    लखनऊ, जेएनएन। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि हनुमान जी, सबके हैं। उन्हें धर्म और जाति में बांटना ठीक नहीं। वह तो सर्वत्र हैं और सभी के हैं। मौका था, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) 113 बरस का। आज इसके 114वां स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व गृहमंत्री राजनाथ सिंह केजीएमयू पहुंचे थे। यहां इन्होंने नसीरुद्दीन शाह के बयान पर कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां हिंदू-मुस्लिम सहित सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं।

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    केजीएमयू को एम्स का दर्जा मिले सौभाग्य की बात 
    गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केजीएमयू की ख्याति पूरी दुनिया में हैं। अगर इसे एम्स का दर्जा मिले तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आश्वासन देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इसके लिए अगर पॉलिसी में बदलाव करवाना पड़ा तो भी करूंगा। जानता हूं कि समय कम है, लेकिन कोशिश पूरी करूंगा। मौका था, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) 113 बरस का। आज इसके 114वां स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व गृहमंत्री राजनाथ सिंह केजीएमयू पहुंचे। केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने गृहमंत्री को संस्थान को एम्स बनाने के लिए मेमोरेंडम सौंपा।

    तीन भवन से हुई शुरूआत अब 50 भवन

    गौरतलब हो कि केजीएमयू परिसर में सबसे पहले मच्छी भवन था, जिसे अब ब्राउन हाल के नाम से जानते हैं। वहीं अस्पताल की शुरूआत गांधी वार्ड व क्वीन मेरी बनाकर की गई लेकिन अब यहां करीब 50 भवन हैं।

     

    सौ बेड से शुरूआत अब 4400 हुए

    क्वीन मेरी व गांधी वार्ड में 100 बेड से अस्पताल शुरू हुआ। वहीं अब केजीएमयू में कुल 79 विभाग हैं और इसमें कुल 4400 बेड हैं।

    केजीएमयू खास-खास

    • 150 एकड़ में फैला है परिसर
    • 50 के करीब भवन हैं कैंपस में
    • 79 विभाग यहां संचालित हो रहे
    • 4400 बेडों वाला अस्पताल
    • 400 बेड का ट्रामा सेंटर
    • 556 संकाय के पद, शिक्षक करीब 500 तैनात हैं
    • 750 सीनियर व जूनियर रेजीडेंट
    • पांच हजार के करीब कर्मचारी
    • 250 एमबीबीएस की सीटें
    • करीब एक साल में 15 लाख मरीज करवाते हैं इलाज
    • 17 विभागों में एमडी की 169 सीटें
    • चार विभागों में एमएस की 34 सीटें
    • 17 सीटें डीएम व 25 सीटें एमएस
    • 27 डिप्लोमा सीटें, 50 सीटें डिप्लोमा पीएचएमएस, 27 सीटें एमडीएस
    • 440 सीटें पैरामेडिकल कोर्स
    • 100 सीटें बीएससी नर्सिंग, 50 एमएससी नर्सिंग व पांच सीट बीएससी रेडियोथैरेपी
    • 70 के करीब आपरेशन थियेटर व 20 माड्यूलर ओटी