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UP News: प्रदेश में पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी, देखें एसआरएस 2020 की रिपोर्ट

UP News एसआरएस रिपोर्ट 2019 के मुकाबले इस बार उत्‍तर प्रदेश में काफी सुधार हुआ है। नमूना पंजीकरण प्रणाली सांख्यिकी रिपोर्ट-2020 के अनुसार देश में पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है। वहीं जनसंख्या की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा है।

By JagranEdited By: Anurag GuptaPublished: Sat, 24 Sep 2022 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 07:22 PM (IST)
UP News: देश में तीन अंक और यूपी में पांच अंक की आई गिरावट।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। देश में पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में यूपी में सर्वाधिक कमी दर्ज की गई है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दम पर नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) सांख्यिकी रिपोर्ट-2020 में यूपी का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है। एसआरएस रिपोर्ट 2019 के मुकाबले इस बार यूपी में काफी सुधार देखने को मिला है। देश में पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में तीन अंक की कमी आई है तो यूपी में पांच अंक की गिरावट दर्ज की गई है। यही नहीं यूपी में एक साल से कम बच्चों की मृत्यु दर में तीन अंक की और 28 दिन तक के बच्चों की मृत्यु दर में दो अंक की कमी आई है। उधर प्रजनन दर में भी 0.2 प्रतिशत की कमी आई है। यानी जनसंख्या बढ़ने की रफ्तार कम हुई है।

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मृत्‍यु दर में तीन अंक की कमी 

भारत के महापंजीयक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2019 की एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार पांच वर्ष तक के प्रति एक हजार बच्चों पर 35 बच्चों की मृत्यु हो रही थी और वर्ष 2020 की रिपोर्ट में यह प्रति एक हजार बच्चों पर घटकर 32 रह गई है। यानी मृत्यु दर में तीन अंक की कमी देखने को मिली। वहीं सर्वाधिक आबादी वाले राज्य यूपी में वर्ष 2019 की रिपोर्ट में पांच वर्ष तक के प्रति एक हजार बच्चों पर 48 बच्चों की मौत हो रही थी और अब वर्ष 2020 की एसआरएस रिपोर्ट में प्रति एक हजार बच्चों पर 43 बच्चों की मौत हो रही है। यानी पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु दर में पांच अंक की गिरावट आई है।

प्रजनन दर में भी ग‍िरावट 

यही नहीं यूपी में एक साल से कम बच्चों की मृत्यु दर में भी कमी आई है। वर्ष 2019 की रिपोर्ट में प्रति एक हजार शिशुओं पर 41 शिशुओं की मौत दर्ज हुई और अब वर्ष 2020 की रिपोर्ट में प्रति एक हजार शिशुओं पर 38 शिशुओं की मौत हुई। यही नहीं 28 दिन या इससे कम दिन के नवजात शिशुओं की वर्ष 2019 की रिपोर्ट में प्रति एक हजार पर 30 नवजात शिशुओं की मौत रिकार्ड हुई और वर्ष 2020 की रिपोर्ट में प्रति एक हजार पर 28 नवजात शिशुओं की मौत दर्ज की गई। कुल प्रजनन दर में भी गिरावट आई है। वर्ष 2019 में कुल प्रजनन दर 2.9 थी और अब वर्ष 2020 की रिपोर्ट में यह 2.7 है। यानी 0.2 प्रतिशत प्रजनन दर कम हुई है।

बेहतर सुविधाओं के दम पर लंबी छलांग : ब्रजेश पाठक

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कहते हैं कि योगी सरकार में बीते पांच वर्षों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने में काफी काम किया गया और उसे अब और तीव्र गति से बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यूपी में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। अब 89 स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) हैं। 184 न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एसबीएसयू) हैं और 1,820 न्यू बार्न केयर कार्नर हैं। 1.46 लाख आशा वर्कर की मदद से सुरक्षित प्रसव कराने पर जोर दिया जा रहा है। आगे और बेहतर परिणाम लाने के लिए मजबूती से काम किया जाएगा।

पांच वर्ष तक के 29,500 बच्चों की बचाई गई जान

यूपी में वर्ष 2019 के मुकाबले वर्ष 2020 में पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में आई पांच अंकों की गिरावट से 29,500 बच्चों का जीवन बचाया गया। वहीं एक साल तक के 17,700 शिशुओं और 28 दिन या उससे कम दिन के 11,800 नवजात शिशुओं की जान बचाई गई।


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