दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में लगेंगे हेरिटेज भाप इंजन, लखनऊ के ईको टूरिज्म स्थल पर भी लगाया जाएगा एक इंजन
उत्तर प्रदेश सरकार दुधवा नेशनल पार्क पीलीभीत टाइगर रिजर्व और लखनऊ में पुराने भाप इंजन स्थापित करेगी। ये इंजन पहले जंगलों से लकड़ी ढोने के काम आते थे। 1926 में निर्मित रेलवे लाइन पर चलते हुए एक इंजन 20-25 डिब्बे खींच सकता था। 1982-83 में इनका संचालन बंद हो गया। पूर्वोत्तर रेलवे के प्रस्ताव के बाद वन विभाग ने इन्हें पर्यटक स्थलों पर लगाने की योजना बनाई है।

शोभित श्रीवास्तव, लखनऊ। प्रदेश सरकार दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रवेश द्वार पर हेरिटेज भाप के इंजन स्थापित करने जा रही है। तीसरा हेरिटेज इंजन लखनऊ के ईको टूरिज्म स्थल पर लगाया जाएगा। यह तीनों इंजन महराजगंज जिले के सोहागी बरवा के लक्ष्मीपुर रेंज परिसर में खड़े हैं। यह इंजन जंगलों से लकड़ी ढोने के प्रयोग में आते थे।
जंगलों से लकड़ी ढोने के लिए पूर्वी उत्तर रेलवे की नौतनवां शाखा पर लक्ष्मीपुर स्टेशन से नगवा एवं सुनारी जंगल के बीच 22.4 किलोमीटर लंबा एवं छह मीटर गेज की लाइन का निर्माण कार्य वर्ष 1926 में किया गया था। एक इंजन एक समय में 20-25 बोगी खींचने की क्षमता रखता था। वर्ष 1974-75 में वन विभाग के पास 74 बोगियां थीं। इनकी सहायता से ही प्रभाग की उत्तरी रेंज से लकड़ी की दुलान होता था।
वर्ष 1974 तक ट्राम्बे की सेवाएं लाभप्रद रहीं, जबकि इसके बाद इसका वाणिज्यिक उपयोग अलाभकारी हो गया। अंत में 1982-83 में इसका संचालन पूर्णतया बंद कर दिया गया। संचालन बंद होने से वन विभाग के पास चार स्ट्रीम ट्राम्बे इंजन वन विभाग के पास खड़े थे। इनमें से एक इंजन लखनऊ चिड़ियाघर में पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
पूर्वोत्तर रेलवे ने पिछले दिनों तीन हेरिटेज इंजन को स्थापित करने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी को पत्र भेजा था। इसी के बाद अब वन विभाग ने इन तीन इंजनों को अलग-अलग पर्यटक स्थलों पर लगाने की तैयारी की है। अब इनको दुधवा नेशनल पार्क, पीलीभीत टाइगर रिजर्व व लखनऊ में स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
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