UP Weather Update: यूपी में फिर बदलेगा मौसम, इन 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट; 13 जनपदों में पड़ सकते हैं ओले
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। सहारनपुर शामली समेत कई जिलों में अधिक वर्षा और ओले गिरने की संभावना है। 38 जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात की आशंका है। बारिश से पछेती धान को फायदा होगा लेकिन अगेती धान को नुकसान हो सकता है। सब्जियों और दलहनी फसलों को भी नुकसान हुआ है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोमवार को भारी बारिश के आसार हैं। सहारनपुर, शामली सहित 11 जिलों में अधिक वर्षा की संभावना है। 13 जिलों में ओले भी पड़ सकते हैं। 38 जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात की भी आशंका है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अगले 24 घंटों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा के आसार बन रहे हैं। ओलावृष्टि की भी आशंका है।
पश्चिमी झारखंड, दक्षिणी बिहार व दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ पर चिह्नित निम्नदाब क्षेत्र के उत्तर व उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा में कमी आ रही है, लेकिन सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल और आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटों में अधिक बारिश होगी।
सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर व आस-पास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना है।
डा. सिंह ने बताया कि बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में वज्रपात हो सकता है।
फर्रुखाबाद, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बदायूं एवं आसपास के इलाकों में झोंकेदार हवा चलेगी। इसकी गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है।
बारिश से पछेती धान को फायदा
पिछले दिनों हुई बारिश से पछेती धान की फसल के लिए वरदान साबित हुई है, लेेकिन अगेती धान कटने के कगार पर है, ऐसे में उसे नुकसान होगा। खेत में जलभराव होने से अगेती धान खराब होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि मौसम खुलने से किसानों ने राहत की सांस ली है।
कृषि विशेषज्ञ डा.सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पानी भरने से सब्जियों और दलहनी फसलें खराब हो गईं। मुख्य रूप से लतावर्गीय सब्जियां बिल्कुल नष्ट हो गई हैं और उड़द की फसल के साथ में सफेद तिल काे काफी नुकसान हुआ है।
किसान इस समय बंधा गोभी , सोया, मेथी पालक, धनिया और गाजर की बुआई प्रारंभ कर देते थे, लेकिन निरंतर बारिश से इन फसलों की बुआई नहीं हो पाई है। इस समय किसान टमाटर, गोभी, बंधा एवं मिर्च की नर्सरी तैयार करते हैं। बरिश से नर्सरी नष्ट हो गई है। सरसों की बुआई के लिए खेत अभी तैयार नहीं है। मटर व चना की बुआई भी नहीं हो पाई है।
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