उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाएंगे स्वास्थ्य कर्मी, जानिए बचाव के तरीके
फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। ये साइलेंस रहकर शरीर को खराब करती है। यही कारण है कि इस बीमारी की जानकारी समय पर नहीं हो पाती। हालांकि सजगता से फाइलेरिया बीमारी से बचा जा सकता है। फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए प्रदेश के 19 जिलों में एमडीए कार्यक्रम शुरू हुआ।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो । फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए प्रदेश के 19 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम के तहत इन जिलों में स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवाएं निःशुल्क खिलाएंगे।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एमडीए कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ करते हुए कहा कि दिसंबर 2021 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लिम्फेडिमा के लगभग 83 हजार और हाइड्रोसील के 26 हजार मामलों का पता चला है। सरकार ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए फाइलेरिया रोग के उन्मूलन का संकल्प लिया है।
एमडीए कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 17 जिलों-गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर और सुलतानपुर में डीईसी और अल्बेन्डाजोल नामक दो दवाएं तथा बाकी दो जिलों कौशांबी व रायबरेली में तीन दवाएं-आईवरमेक्टिन, डीईसी और अल्बेन्डाजोल खिलाई जाएंगी।
इन दवाओं की कुल कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए वे खुद स्वास्थ्य कर्मियों के सामने दवाइयां खाएं बल्कि अपने स्वजनों और आसपास के लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने संबंधित जिलों के जनप्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूकता बढ़ाने में मदद करें ताकि लोग इन दवाओं का शत-प्रतिशत सेवन करें।
उन्होंने कहा कि आज मैं भी अपनी फाइलेरिया रोधी दवाएं लूंगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी कहा कि वे स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष फाइलेरिया रोधी दवाएं खाएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से प्रदेश में पोलियो का उन्मूलन हुआ है, उसी तरह से फाइलेरिया का भी सफाया होगा।
ऐसे करें फाइलेरिया से बचाव
- फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
- पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें।
- सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं।
- हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवा लगाएं।

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