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    क्या आपने भी लिया है लोन? योगी सरकार ने जारी की सख्त गाइडलाइन, सहकारी बैंकों की सूरत बदल देगा ये मिशन

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Wed, 09 Apr 2025 06:09 PM (IST)

    योगी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 को ध्यान में रखते हुए नगरीय सहकारी बैंकों को सुधारने की व्यापक योजना बनाई है। इस वर्ष के अंत तक 70% एनपीए वसूली का लक्ष्य है जिसे चार तिमाहियों में पूरा करना है । साथ ही शेयर कैपिटल जमा ऋण वितरण और सदस्यता में भी बढ़ोतरी के लक्ष्य तय किए गए हैं ।

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    सीएम योगी आदित्यनाथ - फाइल फोटो ।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सहकारी बैंकों को घाटे से उबारकर आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटी योगी सरकार अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में बड़ा लक्ष्य पाने को पसीना बहा रही है। इस साल के अंत तक नगरीय सहकारी बैंकों को 70 प्रतिशत एनपीए वसूलना है।

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    इस लक्ष्य को तीन-तीन माह के अंतराल में बांटा गया है। अभी पहली तिमाही के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, परंतु फिलहाल अगले नौ माह में 60 प्रतिशत की वसूली का काम तो सीधे तौर पर शेष है ही। इसके अलावा शेयर कैपिटल, जमा, ऋण और सदस्यता के लिए भी बड़े लक्ष्य दिए गए हैं।

    संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। इसके तहत नगरीय सहकारी बैंकों की स्थिति में सुधारने की कसरत की जा रही है। प्रदेश में इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस वर्ष के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है।

    लक्ष्य कितना? 

    इसके तहत सभी बैंकों को शेयर कैपिटल में 10 प्रतिशत, डिपाजिट में 16 प्रतिशत, ऋण वितरण में 12 प्रतिशत और सदस्यता में 20 प्रतिशत की वृद्धि करने का लक्ष्य दिया गया है। इन लक्ष्यों को चार चरणों में बांटा गया है।

    इसके तहत हर तीन माह में बैंकों को शेयर कैपिटल में 2.5-2.5 प्रतिशत, सदस्यता वृद्धि में पांच-पांच प्रतिशत, डिपाजिट में चार-चार प्रतिशत, ऋण वितरण में तीन-तीन प्रतिशत की वृद्धि करनी है। जबकि एनपीए की वसूली के लिए पहले तीन माह में 10 प्रतिशत और उसके बाद अगली तीन तिमाही में 20-20 प्रतिशत की वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं।

    यह सुझाए गए हैं कदम

    विभाग द्वारा बैंकों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए कई बिंदुओं पर कार्ययोजना भी सुझाई है। वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए असंबद्ध और वंचित समूहों तक पहुंच बढ़ाने और उनके लिए विशेष बचत और ऋण योजनाएं शुरू करने को कहा गया है।

    डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने, सौर ऊर्जा व जल संरक्षण आदि पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए विशेष ऋण, सदस्यों को बैंकिंग सेवाओं के बारे में प्रशिक्षित करने आदि बिंदुओं पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

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