यूपी में उज्ज्वला योजना के आधे लाभार्थी नहीं ले सके मुफ्त गैस सिलेंडर, पढ़िए क्या है वजह
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1.85 करोड़ लाभार्थियों में से केवल 89 लाख को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर का लाभ मिला है। आधार-बैंक खाते की लिंकिंग न होने के कारण करीब 97 लाख महिलाएं इस सुविधा से वंचित हैं। राज्य सरकार ने दिसंबर तक दो मुफ्त सिलेंडर देने का ऐलान किया है और आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाओं को निशुल्क एलपीजी गैस (रिफिल) दिया जा रहा है, लेकिन इसका लाभ प्रदेश के आधे लाभार्थी भी नहीं ले सकें हैं। मुफ्त सिलेंडर सिर्फ उन्हें ही मिल रहा है, जिनका आधार उनके बैंक खाते से जुड़ा है।
प्रदेश में करीब 1,85,95,736 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थी हैं, जिनमें 1,08,29,669 का ही आधार बैंक खाते से लिंक और प्रमाणित है और इनमें करीब 89 लाख ने अब तक मुफ्त सिलेंडर का लाभ लिया है। स्पष्ट है कि इस लाभ से प्रदेश के करीब 97 लाख लाभार्थी अब भी वंचित हैं।
बता दें कि राज्य सरकार अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च के बीच उज्ज्वला लाभार्थियों को दो मुफ्त सिलेंडर रही है। खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने दो दिन पूर्व हुई विभागीय समीक्षा बैठक में सभी लाभार्थियों को जोड़ने के लिए के आधार प्रमाणन की प्रक्रिया जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है।
क्या बोले विभाग के अपर आयुक्त?
विभाग के अपर आयुक्त सत्यदेव यादव ने बताया कि सभी तेल कंपनियों को इस संबंध में निर्देश दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, उन्हें योजना का लाभ मिलने लगेगा। मालूम हो कि उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थी को मिलने वाले सिलेंडर पर केंद्र सरकार द्वारा 334.78 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। शेष 508.14 रुपये की छूट प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही है, इसमें प्रति सिलेंडर खातों में धनराशि भेजे जाने की विनियम दर (50 पैसे) भी शामिल है।
होम स्टे योजना को लेकर दोबारा होगा सर्वेक्षण
उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटकों के रुकने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमरों की व्यवस्था करने में जुटे पर्यटन विभाग ने होम स्टे के लिए वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, देवीपाटन, चित्रकूट व आजमगढ़ में दोबारा सर्वेक्षण कराने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में फिलहाल होम स्टे के लिए 229 गांवों को चिह्नित किया गया है। प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने पिछले वर्ष होम स्टे की योजना पर काम शुरू किया था।
विभाग की कोशिश है कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को रुकने के लिए पर्याप्त संख्या में कमरों की व्यवस्था हो। पिछले वर्ष प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटकों ने विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया था। इनमें सर्वाधिक संख्या वाराणसी, अयोध्या व मथुरा तथा आगरा आने वाले पर्यटकों की रही है। इस वर्ष अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण होने के बाद पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होना तय माना जा रहा है।
साथ ही अगले वर्ष प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में ही 40 करोड़ पर्यटकों के आने की उम्मीद की जा रही है। इसी के मद्देनजर विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पर्यटन से रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से होम स्टे की योजना पर काम शुरू किया है।
योजना के तहत पहले हर गांव में कम से कम एक-एक होम स्टे तैयार कराने की योजना थी, लेकिन अब चिह्नित गांवों में पांच-पांच होम स्टे बनाए जाएंगे। अयोध्या में 19, देवीपाटन में 17, चित्रकूट में 24, वाराणसी में 10 व लखनऊ में 23 तथा आजमगढ़ में चार गांवों को होम स्टे सुविधा विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है। पर्यटकों की सुविधा के लिए होम स्टे के लिए जिला स्तर पर एक कोआर्डिनेटर व ग्रामीण पर्यटन विशेषज्ञ भी तैनात किए जाएंगे।
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