Haj Yatra Policy: 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग अकेले नहीं कर सकेंगे हज यात्रा, बूढ़े पति-पत्नी को भी लेना होगा अलग-अलग मददगार
लखनऊ से खबर है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग अब अकेले हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। उन्हें एक सहायक साथ रखना होगा। हज कमेटी ऑफ इंडिया के अनुसार बुजुर्ग दंपतियों को भी अलग-अलग सहायक रखने होंगे जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बिना महरम श्रेणी की महिलाओं के लिए भी सहयोगी की आवश्यकता होगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 65 वर्ष या इससे ऊपर के बुजुर्ग इस वर्ष भी अकेले हज यात्रा नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपने साथ एक मददगार लेकर जाना होगा। हज पर जाने वाले बुजुर्ग पति-पत्नी को भी इस बार अलग-अलग मददगार लेना होगा।
हज कमेटी ऑफ इंडिया ने बुजुर्गों के साथ जाने वाले मददगार की उम्र 18 से 60 वर्ष तय की है। वहीं, गैर महरम श्रेणी की 65 वर्ष या इससे ऊपर की महिलाओं को भी अपने साथ एक महिला सहयोगी ले जाना जरूरी होगा।
हज पालिसी 2026 के अनुसार, 65 वर्ष या इससे ऊपर के बुजुर्गों को अकेले हज पर जाने पर रोक लगाई गई है। यदि पत्नी की उम्र 60 वर्ष से कम है तो उन्हें पति का सहयोगी मान लिया जाएगा।
वहीं, बिना महरम श्रेणी में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिला हज के लिए चार महिलाओं के समूह में आवेदन कर सकेंगी। इस कैटेगरी में 65 साल या इससे ऊपर उम्र होने पर एक महिला सहयोगी को ले जाना जरूरी होगा। सहयोगी की उम्र 45 से 60 वर्ष के बीच तय की गई है।
राज्य हज कमेटी के सचिव एसपी तिवारी ने बताया कि बुजुर्ग पति-पत्नी वाले मामले में हज कमेटी आफ इंडिया को पत्र भेज कर नियम में छूट देने का अनुरोध किया जाएगा। यानी पत्नी की उम्र 62-63 वर्ष है तो उन्हें पति का सहयोगी मानने के लिए पत्र लिखा जाएगा।
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