लखनऊ, जेएनएन। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद प्रांगण में चल रहे सर्वे के तीसरे दिन वहां पर शिवलिंग मिलने के बाद वाराणसी कोर्ट ने उस स्थान को सील कराने के साथ ही वहां पर केन्द्रीय पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया। ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की सूचना पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा जल शक्ति मंत्री के साथ ही विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वे में शिवलिंग प्राप्त होने की सूचना से शिव भक्त होने के नाते मैं बहुत खुश हूं। सदियों से जो नंदी बाबा की प्रतीक्षा थी कि कब भोलेनाथ मिलें और कब मैं उनके दर्शन करूं, वो सर्वे में शिवलिंग मिलने से सब स्पष्टता हो गई है। इसके साथ ही केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी मस्जिद में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है। यह मेरे साथ ही विश्व के सभी शिव अनुयायियों के लिए खुशखबरी है। सच्चाई सामने आ गई है। हम मामले में अदालत के आदेशों का स्वागत और पालन करेंगे।
Lucknow, UP| The news of a 'shivling' being found at (Gyanvapi) mosque premises is happy news for me & for all shiv followers of the country. The truth has come to light. We will welcome & follow orders of the court in the matter: Keshav Prasad Maurya, Deputy CM, UP pic.twitter.com/7BWySghpeb
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 16, 2022
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है तो वहां पर कोर्ट ने सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए है। वहां पर शिवलिंग मिलने पर सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। यह तो लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है। उन्होंने एआइएमआइएम के मुखिया ओवैसी के बयान के बारे में कहा कि ओवैसी का बयान सुर्खियां बटोरने के लिए है। वहां पर हम कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि साबित हो गया है। जिसका ना आदि है, ना अंत है, भगवान शिव की महिमा अनंत है।
विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार ने कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान एक कमरे में शिवलिंग प्राप्त हुआ है, बहुत आनंद का समाचार है। दोनों पक्षों की और उनके वकीलों की उपस्थिति में उसे प्राप्त किया गया है। वो स्थान जहां शिवलिंग है, वो मंदिर है, अब भी है और 1947 में भी था। उन्होंने आगे कहा कि मामला न्यायालय में है, न्यायालय ने उस हिस्से को संरक्षित किया है। पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाई है कि कोई छेड़छाड़ न हो। न्यायालय का निर्णय आने के बाद हम इसके बारे में आगे विचार करेंगे। तब विश्व हिन्दू परिषद तय कर पाएगी कि आगामी कदम कौन से होंगे।