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    ईंट भट्ठा कारोबारियों के यहां सघन सर्वे करेगा राज्य कर विभाग, गलत जानकारी पर होगी सख्त कार्रवाई

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 04:43 AM (IST)

    राज्य कर विभाग अब ईंट भट्ठा कारोबारियों के यहाँ हर महीने सर्वे करेगा। इस सर्वे में ईंटों की बिक्री और जीएसटी भुगतान का मिलान किया जाएगा। गलत जानकारी देने पर सख्त कार्रवाई होगी। विभाग यह देखेगा कि कितनी ईंट पकाई और बेची गई। प्रदेश में लगभग 22 हजार ईंट भट्ठे हैं, जिनसे 12 प्रतिशत जीएसटी लेने का नियम है, पर कई भट्ठे लापरवाही कर रहे हैं।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य कर विभाग अब ईंट भट्ठा कारोबारियों के यहां हर महीने सर्वे करेगा। जिसमें ईंटों की वास्तविक बिक्री और किए गए जीएसटी भुगतान का मिलान किया जाएगा। जिन भट्ठा मालिकों के खिलाफ गलत जानकारी देने की पुष्टि होगी उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा।

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    सर्वे में यह देखा जाएगा कि इनके द्वारा कितनी ईंट पकाई गई और बिक्री की गई। विभाग ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।

    एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में लगभग 22 हजार ईंट भट्ठे संचालित हैं।ईंट भट्ठों से 12 प्रतिशत जीएसटी लेने की व्यवस्था है। सूत्र बताते हैं कि तमाम ईंट भट्ठे जीएसटी भुगतान में लापरवाही कर रहे हैं। पिछले दिनों हुई उच्चस्तरीय बैठक में ईंट भट्ठों से जीएसटी वसूली की स्थिति खराब पाई गई थी।

    विभागीय अधिकारी सर्वे के दौरान ईंट भट्ठा स्थलों के साथ ही कारोबारी के कार्यालयों तक पहुंचेंगे। कारोबार से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल करेंगे। लेन देन का पूरा ब्यौरा खंगालेंगे।

    आइएएस अमोद कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से आएंगे वापस

    वर्ष 1995 बैच के आइएएस अधिकारी अमोद कुमार की वापसी प्रदेश में होगी। केंद्र सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति से अपने मूल काडर में वापस आने की अनुमति दे दी है।

    अमोद कुमार ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए यूपी में वापस आने का अनुरोध किया था। अमोद कुमार यूआइडीएआइ में उप महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। अमोद दिसंबर 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए थे।

    वहीं, आइएएस अधिकारी समीर वर्मा ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। प्रदेश सरकार ने 19 जून को आइजी स्टांप के पद से हटाकर प्रतीक्षारत किया था। उसके बाद आठ अक्टूबर को उन्हें सचिव नियोजन और महानिदेशक अर्थ एवं संख्या के पद पर तैनाती दी थी। सूत्रों के अनुसार समीर ने नियुक्ति विभाग से स्टडी लीव मांगी थी, पर यह मंजूर नहीं हुई है।