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    Groundwater Week 2025 : जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की गुहार, पानी को बर्बाद न करें ; नहीं तो यह हमें बर्बाद कर देगा

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 01:37 PM (IST)

    JalSkahti Minister Appeal on Groundwater Week 2025 इस दौरान स्कूली बच्चों की आर्ट गैलरी का अवलोकन करते हुए स्कूली बच्चों से जल संरक्षण के तौर तरीके पूछे। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव है।

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    जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की गुहार

    जागरण संवाददाता, लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को मरीन ड्राइव, गोमती नगर में भूजल सप्ताह 2025 का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर पानी को बचाने की गुहार लगाई और कहा कि पानी को बर्बाद न करे, नहीं तो यह हम सब को बर्बाद कर देगा। 

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    मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि हम सब को अपने वाली पीढ़ी को पीने योग्य जल पर्याप्त मात्रा में न सिर्फ देकर जाना है बल्कि यह सीख भी देनी है कि जल को कैसे बचाए, उसे कैसे संरक्षित करे। सिंगापुर में लोग शौचालय के पानी को ट्रीट करके अपने दैनिक कार्यों में प्रयोग कर रहे हैं। 

    पानी को दोबारा कैसे इस्तेमाल करें, उसके तौर तरीके सीखने होंगे

    उन्होंने कहा कि नदियां, तालाब के पानी को स्वच्छ रखना होगा। बरसात के पानी को बचाने के लिए हमें उपाए करना होगा। दैनिक कार्यों में इस्तेमाल होने वाले पानी को दोबारा कैसे इस्तेमाल करे, उसके तौर तरीके सीखने होंगे? क्योंकि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। इस विश्वयुद्ध में भारत शामिल नहीं होगा, क्योंकि हमारे लोग पानी बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और इनका साथ केंद्र की नरेन्द्र मोदी और व राज्य की योगी आदित्यनाथ बड़े पैमाने पर कर रही है।

    आर्ट गैलरी का अवलोकन

    उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं एवं स्वयंसेवकों से जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित की भावना को आत्मसात करने का संकल्प दिलाया। इस दौरान स्कूली बच्चों की आर्ट गैलरी का अवलोकन करते हुए स्कूली बच्चों से जल संरक्षण के तौर तरीके पूछे। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव है।

    आवश्यकताएं भूजल से ही पूरी

    सिंह ने बताया कि प्रदेश में लगभग 70 प्रतिशत सिंचाई, 80 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति और 85 प्रतिशत उद्योगों की आवश्यकताएं भूजल से ही पूरी की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में केवल 20 विकास खंड अतिदोहित श्रेणी में थे, जो अब बढ़कर 95 हो चुके हैं, जबकि सुरक्षित विकास खंडों की संख्या घटकर 566 रह गई है।

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    ‘कैच द रेन अभियान’ की सराहना

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘कैच द रेन अभियान’ की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान वर्षा जल संचयन को जन-आंदोलन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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    सिंह ने अटल भूजल योजना के अंतर्गत बुंदेलखंड समेत 10 जनपदों के 26 विकासखंडों में चल रही भूजल प्रबंधन परियोजना का भी उल्लेख किया, जिसमें 550 ग्राम पंचायतों में व्यापक जनसहभागिता के साथ ‘वाटर सिक्योरिटी प्लान’ तैयार कर जल की खपत कम करने और संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।