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    UP News: हरित गांव बनाई जाएंगी पंचायतें, यूपी में हर तीसरे शुक्रवार को लगेगी 'ग्रीन चौपाल'

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 09:17 PM (IST)

    पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्राम पंचायतों में ग्रीन चौपालें लगेंगी। ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में हर महीने के तीसरे शुक्रवार को बैठक होगी। इसका लक्ष्य 2030 तक प्रदेश के हरित क्षेत्र को 15% तक बढ़ाना है। चौपाल में पर्यावरण योजनाओं का प्रचार जागरूकता अभियान और पौधरोपण होगा। उत्कृष्ट कार्य करने वाली चौपालों को सम्मानित किया जाएगा। विभागों के प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।

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    ग्रीन चौपालों से हरित गांव बनाई जाएंगी पंचायतें।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्रीन चौपाल आयोजित की जाएंगी। ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली ग्रीन चौपाल की बैठकें हर महीने के तीसरे शुक्रवार को अनिवार्य रूप से होगी। इस आयोजन का उद्देश्य 2030 तक प्रदेश के हरित आवरण को 15 प्रतिशत तक ले जाने की है।

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    ग्रीन चौपाल के अध्यक्ष ग्राम प्रधान होंगे। बीट अधिकारी सदस्य सचिव तथा ग्राम पंचायत अधिकारी संयोजक होंगे। तीन ग्राम पंचायत सदस्य (जिसमें से कम से कम एक महिला), स्वयं सहायता समूह की एक महिला प्रतिनिधि, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, आंगनबाड़ी सहायिका, रोजगार सेवक, प्रगतिशील किसान, पर्यावरणविद्/स्थानीय एनजीओ के प्रतिनिधि के साथ ही जैव विविधता प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि ग्रीन चौपाल के सदस्य होंगे। विभागों के प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।

    प्रत्येक माह के तीसरे शुक्रवार को ग्रीन चौपाल की बैठकें होंगी। राजकीय अवकाश होने की स्थिति में बैठक अगले दिन होगी। जिसमें विभागों की पर्यावरण से जुड़ी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन आदि के बारे में स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार नुक्कड़ नाटक, रैली, गोष्ठी के माध्यम से किया जाएगा।

    विद्यालयों में शिक्षकों व विद्यार्थियों को जैव-विविधता, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा। ग्रीन चौपाल के कार्यों की निगरानी जिला वृक्षारोपण समिति करेगी।

    ग्राम पंचायतों में उपलब्ध रिक्त भूमि पर पौधरोपण करने के साथ ही उसका रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा। ग्रीन चौपाल के माध्यम से शासन व जिला वृक्षारोपण समिति की मंशा के अनुरूप कार्य किया जाएगा। मिशन लाइफ, वन, वन्यजीव, आर्द्र भूमि, पर्यावरण, जैव विविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, पौधरोपण, कार्बन क्रेडिट, वैकल्पिक ऊर्जा आदि से जुड़ी विभागीय योजनाओं से आमजन को जागरूक किया जाएगा।

    मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। चौपाल के संचालन के लिए समन्वय का कार्य प्रभागीय वनाधिकारी करेंगे। जिला वृक्षारोपण/पर्यावरण समिति द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्रीन चौपालों को चिह्नित किया जाएगा। उत्कृष्ट ग्राम चौपालों को सम्मानित किया जाएगा।

    जिला स्तर पर सराहनीय कार्य करने वाली ग्रीन चौपालों की सूची पर्यावरण, वन-जलवायु परिवर्तन विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे समस्त प्रगतिशील ग्रीन चौपालों को राज्य स्तर पर भी सम्मानित किया जाएगा।