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लखनऊ की रामलीला ने दुनिया को बताया मंचन : राम नाईक

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि इंडोनेशिया थाईलैंड समेत कई देशों में रामलीला का मंचन होता है। मुस्लिम भी करते है। रामलीला के लिए हिन्दू नही रामभक्त होना जरूरी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 30 Sep 2017 10:08 PM (IST)Updated: Sat, 30 Sep 2017 10:13 PM (IST)
लखनऊ की रामलीला ने दुनिया को बताया मंचन : राम नाईक
लखनऊ की रामलीला ने दुनिया को बताया मंचन : राम नाईक

लखनऊ (जेएनएन)। विजयादशमी के पर्व पर आज राज्यपाल राम नाईक ने लखनऊ में रामलीला के महत्व पर भी प्रकाश डाला। ऐशबाग के रामलीला मैदान में राज्यपाल राम नाईक ने आज रामलीला का मंचन देखने के साथ ही रावण दहन भी देखा। 

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ऐशबाग में राजधानी के सबसे ऊंचे 121 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। यहां कन्या भ्रूण और समाज में तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने के संकल्प के साथ हुए रावण दहन में मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यपाल राम नाईक ने कहा कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि हर वर्ष यहां पर आकर रामलीला देखने का अवसर मिल रहा है। आज यहां आए तो बीते वर्ष की याद ताजा हो गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पर आए थे। वह पहला अवसर था जब कोई भी प्रधानमंत्री दिल्ली की रामलीला की बजाय लखनऊ की रामलीला में पधारे। लखनऊ की रामलीला ने पूरी दुनिया को बताया कि रामलीला का मंचन कैसे होता है। 

राज्यपाल  राम नाईक ने कहा कि इंडोनेशिया थाईलैंड समेत कई देशों में रामलीला का मंचन होता है। मुस्लिम भी करते है। रामलीला के लिए हिन्दू नही रामभक्त होना जरूरी है। विजय के बाद लक्ष्मण ने राम से कहा था यह सोने की लंका है यहीं रहते है लेकिन राम ने कहा मातृभूमि और अपनी जनता से बड़ा कोई नही। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को 18 अक्टूबर को अयोध्या में आने का निमंत्रण भी दे रहा हूं। आप लोग वहां आकर बेहद उत्साहित होंगे। निमंत्रण से तालियों से पूरा मैदान गुंजायमान हो उठा।

उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि ऐशबाग रामलीला का पौराणिक महत्व है। गोस्वामी तुलसीदास यहां मंचन करने आए थे। लखनऊ के नवाब ने आधी जमीन ईदगाह और आधी रामलीला समिति को देकर एकता और भाईचारे का पैगाम दिया था। उन्होंने रामलीला का मंचन सरकारी खजाने से करने का एलान किया तो रामलीला समिति के साथ ही दर्शकों जय श्रीराम के नारे से इस ऐलान का स्वागत किया। रामलीला समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल और संयोजक आदित्य द्विवेदी की मौजूदगी में उप मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को श्रीरामचरित मानस भेट किया। दहन में मौजूद विधि एवं न्यायमंत्री बृजेश पाठक को भी समिति की ओर से सम्मानित किया गया। राजधानी के कई इलाकों में भी रावण दहन किया गया।


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