चित्रकूट कोषागार घोटाले की दो सदस्यीय जांच टीम ने शासन को सौंपी रिपोर्ट, साफ्टवेयर की खामियां दूर करेगी सरकार
लखनऊ: चित्रकूट कोषागार घोटाले से सबक लेते हुए, सरकार ने कोषागारों के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने का फैसला किया है। यह काम एनआईसी को सौंपा गया है, ताकि भविष्य में घोटाले रोके जा सकें। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है और घोटाले की धनराशि वापस लाने के प्रयास जारी हैं, जिसमें तीन करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शासन ने चित्रकूट में कोषागार कार्मिकों की मिलीभगत से हुए 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले से सबक लिया है। कोषागारों के साफ्टवेयर को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। साफ्टवेयर अपग्रेड करने का काम एनआइसी को दिया जाएगा। मौजूदा साफ्टवेयर की कमियों को दूर करते हुए इस प्रकार अपग्रेड कराया जाएगा जिससे भविष्य में कोई घोटाला ना कर सके।
दूसरी तरफ चित्रकूट के एडीएम (न्यायिक) और मंडलीय संयुक्त आयुक्त कोषागार की दो सदस्यीय जांच टीम ने घोटाले पर अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर शासन की भी नजर है।
शासन स्तर से यह प्रयास किया जा रहा है कि घोटाले की पूरी धनराशि वापस आ जाए। अभी तक तीन करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की रिकवरी हो चुकी है। अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार के मुताबिक जांच रिपोर्ट उन्हें मिल गई है, किसी वरिष्ठ अधिकारी के इसमें लिप्त होने के कोई संकेत नहीं है।
उन्होंने बताया है कि कोषागार के साफ्टवेयर को तत्काल अपग्रेड कराने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि कोषागार निदेशक वीके सिंह ने वर्ष 2014 से अब तक कोषागारों से हुए लेन-देने की विशेष आडिट किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
कोषागारों के सभी पेंशन खातों की जांच करने के लिए भी कहा है। जिन 93 पेंशनरों के खाते में एरियर के नाम पर 43.13 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं, उन सभी खातों को फ्रीज करा दिया गया है।

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