Government Strict on negligence : आपूर्ति विभाग के 30 अधिकारियों के विरुद्ध होगी विभागीय कार्रवाई
Scam in Food And Civil Supply Department जांच में सामने आया कि वास्तविक लाभार्थी के डेटाबेस में उसके आधार नंबर को एडिट करके उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति का आधार नंबर दर्ज कर दिया गया। इसके बाद जालसाज की बायोमेट्रिक का प्रयोग राशन लेने की प्रक्रिया पूर की गई। जबकि वास्तविक लाभार्थी तक राशन पहुंचा ही नहीं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : सीआइडी ने आधारकार्ड नंबर में धांधली कर गरीबों का राशन हड़पने के मामले में दोषी आपूर्ति विभाग के तत्कालीन 30 जिला पूर्ति अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। सीआइडी ने मेरठ, आगरा व बरेली मंडल में हुए खाद्यान्न घोटाले की जांच में सामने आए तथ्यों की रिपोर्ट शासन को सौंपी है।
सूत्रों का कहना है कि हर जिले में प्रतिमाह 800 से एक हजार तक पात्रों का राशन हड़पे जाने की बात सामने आई है। तीनों मंडलों में खाद्यान्न घोटाले से जुड़े 134 मुकदमों की जांच सीआइडी को सौंपी गई थी, जिनमें 110 मामलों की जांच पूरी कर ली गई है। तीनों मंडलों में 24 मुकदमों की जांच जल्द पूरी किए जाने का निर्देश दिया गया है।
शासन ने खाद्यान्न के वितरण में घपले की जांच पहले ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। पिछले वर्ष इस मामले से जुड़े सभी मुकदमों की जांच सीआइडी के हवाले कर दी गई थी। मामले में पहले मेरठ में हुए घपले की जांच हुई थी, जिसके बाद जांच का दायरा बढ़कर आगरा व बरेली मंडल तक पहुंच गया।
मामले में वर्ष 2016 से वर्ष 2018 के बीच अलग-अलग जिलों में मुकदमे दर्ज कराए गए थे। मेरठ की नगर कोतवाली में वर्ष 2018 में पूर्ति निरीक्षक की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच में सामने आया कि वास्तविक लाभार्थी के डेटाबेस में उसके आधार नंबर को एडिट करके उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति का आधार नंबर दर्ज कर दिया गया।
इसके बाद जालसाज की बायोमेट्रिक का प्रयोग राशन लेने की प्रक्रिया पूर की गई। जबकि वास्तविक लाभार्थी तक राशन पहुंचा ही नहीं। राशन हड़पने के बाद आधार नंबर को डाटाबेस में फिर बदल दिया जाता था और उसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाती थी। इस घपले में तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी विकास गौतम के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
पूर्ति निरीक्षक आशाराम, राशन डीलर सरफराज व कंप्यूटर आपरेटर शहनवाज के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। जांच में यह भी सामने आया कि दिनेश कुमार ने 113 बार अपने आधार का दुरुपयोग किया। ऐसे ही अन्य मुकदमों में भी इसी तरह धांधली किए जाने के तथ्य सामने आए हैं।
कोर्ट से अनुमति लेकर होगी आगे की छानबीन
धांधली में शामिल कई आधार कार्ड धारकों का असली नाम-पता सामने नहीं आ सका है। सीआइडी कोर्ट से अनुमति लेकर ऐसे आधार धारकों के विरुद्ध आगे की छानबीन करेगा और एनआइसी से उनके बारे में सूचनाएं एकत्र की जाएंगी। जांच में कई और आरोपितों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। जल्द अन्य मामलों की जांच पूरी कर आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किए जाएंगे।
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