इलाहाबाद माघ मेले की भीड़ की गूगल करेगा ऑनलाइन मॉनिटरिंग
माघ मेले में भीड़ की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाए जाने की योजना है। कंट्रोल रूम करीब 1800 बीघे में बसने वाले मेले में लगे सीसीटीवी कैमरों से जुड़े होगें
राजकुमार श्रीवास्तव इलाहाबाद। जनवरी 2018 में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले को अद्र्धकुंभ (सरकारी शब्दावली में कुंभ) का ट्रायल मानकर तैयारी की जा रही है। माघ मेले में भीड़ की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाए जाने की योजना है। कंट्रोल रूम करीब 1800 बीघे में बसने वाले मेले के मुख्य चौराहों, स्नान घाटों और हाईमॉस्ट के समीप लगने वाले सीसीटीवी कैमरों से जुड़ा होगा।
परेड ग्राउंड स्थित माघ मेला कार्यालय परिसर में मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाया जाना है। परिसर की एक बिल्डिंग को गिरवाकर नए भवन का निर्माण कराया जा रहा है। करीब 170.75 लाख रुपये की लागत इस पर आएगी। इस भवन में मीटिंग हॉल और रिकार्ड रूम होगा। प्रयागराज प्राधिकरण कार्यालय के भी इसी भवन में संचालित होने की उम्मीद है। अगर समय रहते बिल्डिंग नहीं बनती है तो मेला कार्यालय भवन में ही मॉडर्न कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। भवन बनने पर उसे स्थायी रूप से शिफ्ट कर दिया जाएगा।
अद्र्धकुंभ में भी यही मॉडर्न कंट्रोल रूम कार्य करेगा। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गणना और सटीक हो, इसके लिए सर्च इंजन गूगल से संपर्क साधा गया है। डीएम सुहास एलवाइ ने इस दिशा में पहल की है। बताते चलें कि अब तक प्रशासन अनुमान के आधार पर ही श्रद्धालुओं की संख्या बताता था। माघ मेला अधिकारी राजीव राज ने दैनिक जागरण को बताया कि रेडियो पुलिस की मदद से माडर्न कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। इसमें प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। श्रद्धालुओं की गणना के लिए गूगल कौन सी तकनीक अपनाएगा, ये अभी साफ नहीं है।
भूले-भटके शिविर में एलसीडी
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के भटकने के मामले हर बार होते हैं। भूल भटके लोगों के चेहरे, मेला क्षेत्र में चौराहों पर लगी एलसीडी स्क्रीनों पर दिखाई दें, इसके लिए एलसीडी से भूले-भटके शिविरों को भी जोडऩे की योजना है।