Road Safety With Jagran: सड़क हादसों में घायलों को बचाने के लिए गुड सेमेरिटन योजना, अब जागरूक करेगा विभाग
यूपी में सड़क हादसों में घायलों को बचाने के लिए शुरु की गई गुड सेमेरिटन योजना के तहत एक साल में कोई गुड सेमेरिटन नहीं मिला है। बता दें कि सड़क हादसों में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए यह योजना शुरू हुई है।
लखनऊ, [शोभित श्रीवास्तव]। सड़क हादसा होने के बाद एक घंटे के अंदर मरीज को सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने की उम्मीद सबसे अधिक हो जाती है। इसीलिए हादसे के बाद के पहले एक घंटे को गोल्डन आवर कहा जाता है। सड़क हादसों में घायलों की तत्काल मदद के उद्देश्य से आमजन को प्रेरित व प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने गुड सेमेरिटन योजना शुरू की है, लेकिन देश में सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में ही यह योजना गति नहीं पकड़ पा रही है।
एक वर्ष में नहीं मिला एक भी गुड सेमेरिटन
पिछले एक वर्ष में प्रदेश में एक भी गुड सेमेरिटन की खोज नहीं हो सकी है। प्रदेश में वर्ष 2021 में 33,711 सड़क हादसे हुए। इनमें 19,813 लोग घायल हुए व 21,792 लोगों की मृत्यु हो गई। सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में कमी लाई जा सकती है। यदि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए एक घंटे के अंदर सही इलाज मिल जाए तो उनकी जान बजाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने गुड सेमेरिटन कानून बनाया है। इसमें सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने वालों से कोई पूछताछ व कानूनी कार्रवाई नहीं होती है।
मदद करने वाले व्यक्ति को परेशान नहीं करेगी पुलिस
इसका मुख्य उद्देश्य हादसे में मदद करने वाले व्यक्ति को अनावश्यक पुलिस कार्रवाई से बचाना और सहायता करने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित करना है। मदद करने वाले व्यक्ति की जानकारी डाक्टर की ओर से स्थानीय पुलिस को दी जाती है। पुलिस गुड सेमेरिटन का नाम-पता, घटना का विवरण, मोबाइल नंबर आदि की निर्धारित प्रारूप में जानकारी देती है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में गठित जिला अप्रेजल कमेटी गुड सेमेरिटन के लिए आए प्रस्तावों पर विचार कर अनुमोदित करती है। इसके बाद प्रदेश स्तर से प्रशस्ति पत्र व नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। गुड सेमेरिटन को प्रोत्साहित करने व पांच हजार रुपये का नगद इनाम देने के लिए केंद्र सरकार ने नियमावली अक्टूबर 2021 में जारी की है। एक वर्ष बीतने के बावजूद इस योजना में अभी तक किसी को भी नगद पुरस्कार नहीं मिला है।
दो वर्ष में मात्र 48 लोगों को मिला प्रशस्ति पत्र
प्रदेश सरकार ने गुड सेमेरिटन योजना के तहत वर्ष 2020 में पहली बार 34 लोगों को सम्मानित किया था। वर्ष 2021 में मात्र 14 लोगों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। गुड सेमेरिटन को पांच हजार रुपये का नगद पुरस्कार देने के लिए विस्तृत नियमावली अक्टूबर 2021 में आई है, इसलिए इसके तहत अभी तक किसी को भी चिह्नित नहीं किया जा सका है और न ही किसी को पुरस्कार मिल सका है।
गोल्डन आवर में बचाव के लिए हो समर्पित टीम
सड़क सुरक्षा के क्षेत्र काम करने वाली शुभम सोती फाउंडेशन के प्रमुख आशुतोष सोती कहते हैं कि गोल्डन आवर सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों की जान बचाने में बहुत अहम होता है। इसके लिए सरकार को समर्पित लोगों की टीम बनानी चाहिए, जो 24 घंटे तैयार रहे। दो-पहिया एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ प्राथमिक उपचार का सामान लेकर सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे। कई बार गलत तरीके से घायलों को उठाने व बैठाने में ही उन्हें और बड़ी चोट लग जाती है। हमारे यहां कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। इसका प्रशिक्षण भी सभी के लिए अनिवार्य किया जाए।
हम लोगों ने सड़क सुरक्षा अभियान के तहत कुछ गुड सेमेरिटन को सम्मानित किया था। आम जनता को इस योजना के प्रति जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। अस्पताल पहुंचाने वालों को पुलिस जांच के नाम पर परेशान नहीं करेगी, यह भी बताया जा रहा है। इसके बावजूद अभी कम लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इस योजना के प्रति लोगों को और जागरूक किया जाएगा।
एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव परिवहन
गुड सेमेरिटन योजना की नियमावली अक्टूबर 2021 में आई है। इसमें गुड सेमेरिटन के चयन की प्रक्रिया लंबी है। सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में जिला अप्रेजल कमेटी गठित कर दी गईं हैं। ये कमेटियां मुख्यालय को गुड सेमेरिटन चिह्नित कर अवगत कराएंगी। इसके बाद जिलावार धनराशि भेजी जाएगी। हम लोग इंटरनेट मीडिया, प्रिंट मीडिया, एमएफ व रेडियो में लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
पीएस सत्यार्थी, उप परिवहन आयुक्त, सड़क सुरक्षा
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