UP News: ईएसआइसी अस्पतालों में बड़े बदलाव की तैयारी, दवाओं की शुरू होगी होम डिलीवरी
Lucknow News | लखनऊ के लगभग 29.5 लाख बीमित श्रमिकों के लिए खुशखबरी है। ईएसआईसी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी और आधुनिक ओपीडी व स्वास्थ्य शिविर लगेंगे। दवाओं की होम डिलीवरी भी शुरू होगी। वाराणसी में नया मेडिकल कॉलेज खुलेगा। अस्पतालों में बुनियादी ढांचे और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार किया जाएगा जिससे श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में पंजीकृत करीब 29.5 लाख बीमित श्रमिकों के लिए खुशखबरी है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन आने वाले ईएसआइसी अस्पतालों और औषधालयों में अब सुविधाओं का बड़ा विस्तार होने जा रहा है।
इन संस्थानों में न सिर्फ डाक्टरों व स्टाफ की संख्या बढ़ेगी, बल्कि अत्याधुनिक उपकरणों से लैस ओपीडी, स्वास्थ्य शिविर और दवाओं की होम डिलीवरी जैसी सेवाएं भी शुरू होंगी।
प्रदेश में वर्तमान में ईएसआइसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) के छह अस्पताल संचालित हैं। जो लखनऊ, वाराणसी, कानपुर के जाजमऊ, गाजियाबाद के साहिबाबाद, नोएडा और बरेली में हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार के ईएसआइएस (कर्मचारी राज्य बीमा योजना) के 10 अस्पताल हैं।
इसमें कानपुर में चार, और एक-एक अस्पताल आगरा, अलीगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद जिले के मोदीनगर, प्रयागराज के नैनी और सोनभद्र के पिपेई में स्थित हैं। पूरे प्रदेश में ईएसआइएस के 94 औषधालय भी हैं। अब तक 29,54,850 बीमित व्यक्ति इन अस्पतालों और औषधालयों में पंजीकरण कराया है और चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।
अभी ईएसआइसी ने वाराणसी में एक नए मेडिकल कालेज को स्वीकृति दी है। इसके लिए निश्शुल्क भूमि उपलब्ध कराई जानी है, जिसकी पहचान वाराणसी जिला प्रशासन ने कर ली है। उधर, सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए मंत्री अनिल राजभर और प्रमुख सचिव डा. एमके शन्मुगा सुन्दरम के साथ एक उच्चस्तरीय टीम ने हाल ही में हैदराबाद, चेन्नई और फरीदाबाद के उत्कृष्ट ईएसआइसी अस्पतालों का दौरा किया।
यह टीम अब यूपी के सभी ईएसआइएस अस्पतालों और औषधालयों की स्थिति की समीक्षा कर रही है। विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शन्मुगा सुन्दरम ने बताया कि इस दौरे के बाद अस्पतालों के बुनियादी ढांचे, चिकित्सा उपकरणों, चिकित्सकीय और नर्सिंग स्टाफ की संख्या में बढ़ोतरी और सेवा वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
इसमें बीमित व्यक्ति को विभागवार ओपीडी की सुविधा, समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर, आवश्यक दवाओं की होम डिलीवरी, चिकित्सा उपकरणों और आधारभूत सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। यह बदलाव औद्योगिक क्षेत्रों में काम कर रहे श्रमिकों के लिए राहत देगा, बल्कि उन्हें सरकारी स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं भी सुनिश्चित करेगा।
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