गोमती में सीधे नहीं गिरेंगे नाले, निर्मल गोमती के लिए बनेगी कार्ययोजना; नदी को प्रदूषण मुक्त करने को लेकर हुई बैठक
पीलीभीत से गाजीपुर तक 960 किलोमीटर के भू-भाग के आसपास रहने वालों की जीवनदायिनी गोमती नदी को कैसे प्रदूषण से मुक्त किया जाए, इसको लेकर मशीनरी जागी है। गोमती नदी की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चिंता जताने के दो दिन बाद मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत जिले के जिम्मेदार अफसरों के साथ बैठे। कार्ययोजना पर चर्चा में तय हुआ कि गोमती में जिन नालों का पानी बिना ट्रीटेमेंट के जा रहा है, उसे रोका जाए। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर काम शुरू किया जाए।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। पीलीभीत से गाजीपुर तक 960 किलोमीटर के भू-भाग के आसपास रहने वालों की जीवनदायिनी गोमती नदी को कैसे प्रदूषण से मुक्त किया जाए, इसको लेकर मशीनरी जागी है। गोमती नदी की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चिंता जताने के दो दिन बाद मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत जिले के जिम्मेदार अफसरों के साथ बैठे। कार्ययोजना पर चर्चा में तय हुआ कि गोमती में जिन नालों का पानी बिना ट्रीटेमेंट के जा रहा है, उसे रोका जाए। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर काम शुरू किया जाए। फिलहाल छठ पूजा को देखते हुए 17 अक्टूबर से गोमती की सफाई को लेकर विस्तृत अभियान शुरू किया जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री ने गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन लांच करते हुए अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वह गोमती को पहले की तरह स्वच्छ देखना चाहते हैं। मुख्यमंत्री की मंशा को देखते हुए बैठक में जिलाधिकारी विशाख जी, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रथमेश कुमार, नगर आयुक्त गौरव कुमार, मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पहुंचे।
जल निगम के अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्र में 32 नालों का पानी गोमती में गिर रहा है। इसमें से 26 नाले पूरी तरह टैप हैं। उनका पानी एसटीपी में ट्रीटमेंट के बाद ही गोमती में मिलता है। वहीं, छह नालों का पानी सीधे नाले में गिर रहा है। हालांकि जमीनी हकीकत यह है कि इससे कहीं अधिक नाले और नालियां सीधे गोमती में गिर रहे हैं। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि जो नाले अभी सीधे गिर रहे हैं उनको भी टैप किया जाए। अभी 730 एमएलडी डिस्चार्ज है और 600 एमएलडी ही ट्रीट किया जा रहा है। 130 एमएलडी जो बिना ट्रीटमेंट के ही नदी में मिल रहा है उसको कार्ययोजना बनाकर पूरा किया जाए।
गोमती नदी में कूड़ा फेंकने पर भी रोक
मंडलायुक्त ने अफसरों को गोमती नदी में कूड़ा फेंके जाने से रोकने और नगर निगम द्वारा एंटी आर्डर ट्रीटमेंट करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि गोमती नदी में सालिड वेस्ट मटेरियल पानी के ऊपर तैरता न मिले। इसकी नियमित रूप से नगर निगम द्वारा साफ-सफाई कराते रहें। मंडलायुक्त ने कहा कि जिन नालों का पानी गोमती नदी में गिर रहा है उन नालों पर ग्रिल लगा दिया जाए, जिससे सालिड वेस्ट मटेरियल गोमती नदी में न जाए। मंडलायुक्त ने गोमती की ब्रांडिंग करने को भी कहा ताकि लोगों में जागरुकता आए और नदी को प्रदूषित होने से रोका जा सके।
घाटों पर न रहे बदबू
छठ पूजा को लेकर मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि 17 अक्टूबर से गोमती नदी की सफाई कार्य प्रारंभ कर दिया जाए। जहां पर छठ पूजा होनी है उन घाटों पर बदबू न रहे। सफाई के अलावा मार्ग प्रकाश, हाइमास्क, पार्किंग, रैंप आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा गया। सभी घाटों पर चिकित्सकों की टीम को भी लगाया जाए ताकि आकस्मिक स्थिति से बचा जा सकें। जिलाधिकारी ने बताया कि समस्त घाटों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है ताकि सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।
मुख्य बिंदु
गोमती की ब्राडिंग होगी ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो।
छठ पूजा को लेकर 17 अक्टूबर से गोमती की सफाई शुरू होगी।
छह नालों का पानी बिना ट्रीटमेंट जा रहा है उनको भी टैप किया जाएगा।
जहां नाले मिल रहे हैं वहां ग्रिल लगेगी ताकि सालिड बेस्ट मटेरियल नहीं गिरे।
नदी में कूड़ा और गंदगी फेंकने वालों पर कार्रवाई होगी।
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