Gomti Pustak Mahotsav: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की युवाओं को सलाह, पांच से छह घंटे स्मार्ट फोन की जगह पुस्तक को दें समय
Gomti Pustak Mahotsav in Lucknow मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के युवा पांच-छह घंटे स्मार्टफोन की जगह यदि पुस्तकों को दें तो उनका अधिक कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे सही साथी अच्छी पुस्तक हैं। पुस्तकें ज्ञानवर्धक ही नहीं संरक्षक भी होती हैं। हमने शब्द को ब्रह्म माना है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के फुटबाल ग्राउंड में गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं को बहुत ही नेक सलाह भी दी। लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का सीएम योगी ने शनिवार को आगाज कर दिया। 28 सितंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में लोगों को फ्री एंट्री मिलेगी। इसके साथ ही प्रिंट रेट से 10 प्रतिशत छूट पर किताबें मिलेंगी।
लखनऊ विश्वविद्यालय में गोमती पुस्तक महोत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा अगले नौ दिन तक यहां पर पुस्तकों के महाकुंभ को देखने का अवसर प्राप्त होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 30,000 छात्र हैं, मुझे ऐसी आशा है कि इनमें से 20 हजार छात्र पुस्तक ले जाएंगे।
हमारा सबसे सही साथी अच्छी पुस्तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के युवा पांच-छह घंटे स्मार्टफोन की जगह यदि पुस्तकों को दें तो उनका अधिक कल्याण होगा। स्मार्ट फोन टेक्नोलॉजी एक हद तक सहायक हो सकती है, लेकिन वह सब कुछ नहीं है। डिजिटल लाइब्रेरी के लिए स्मार्ट फोन को एक घंटा ही देना पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे सही साथी अच्छी पुस्तक हैं। पुस्तकें ज्ञानवर्धक ही नहीं संरक्षक भी होती हैं। हमने शब्द को ब्रह्म माना है। भारतीय मनीषा में शब्द को ब्रह्म माना है, यह भी सत्य है। लोग पढ़ते हैं तो राष्ट्र आगे बढ़ता है। पढ़ना और बढ़ना ही भारतीय परंपरा है।
तक्षशिला विश्वविद्यालय को आक्रांताओं ने समाप्त कर दिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तक्षशिला विश्वविद्यालय आज के पाकिस्तान में है। पाकिस्तान को ज्ञान से क्या लेना देना। तक्षशिला विश्वविद्यालय को आक्रांताओं ने समाप्त कर दिया। पाकिस्तान में शिक्षा को कोई स्तर ही नहीं है, इसी कारण तक्षशिला विश्वविद्यालय का महत्व उनको पता नहीं। आज की सबसे बड़ी चुनौती है कि हम मौलिक कृति देने में सफल नहीं हो रहे हैं, इस पर लेखन, चिंतन को आगे बढ़ाना पड़ेगा। शिक्षा केंद्रों और धार्मिक केंद्रों को आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा व्यवस्था को अधिक रोजगार परक बनाने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिक्षा व्यवस्था के लगातार सुधार में लगे हैं।
नौ दिनों तक चलने वाले इस पुस्तक महोत्सव में आगंतुक समूह चर्चाओं, लेखक संवाद, काव्य पाठ, मुशायरा, पुस्तक विमोचन, स्टोरीटेलिंग सेशन और सांस्कृतिक संध्याओं का आनंद ले सकेंगे। इस दौरान विशेष वक्ताओं में आईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरुण मोहन शेरी, वरिष्ठ लेखक गुलाब कोठारी, रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के चांसलर एवं लेखक संतोष चौबे, लेखक-कवि-अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा, उपन्यासकार शीला रोहेकर, कथाकार शिवमूर्ति, पद्मश्री डॉ. विद्या विंदु सिंह तथा चर्चित अवधी कवि-लेखक व संपादक डॉ. रामबहादुर मिसिर आदि शामिल रहेंगे।
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