अब गो आश्रयों को चलाने के लिए गांव और निकाय स्तर पर बनेंगी कमेटियां, हर महीने होगी समीक्षा
गो आश्रय स्थलों की स्थापना और संचालन के लिए अब ग्राम पंचायत और नगर निकाय स्तर पर भी अनुश्रवण समितियों का गठन किया जाएगा। जिला स्तरीय समिति अब हर माह बैठक कर संचालन की समीक्षा करेगी। निराश्रित गोवंश संरक्षण नीति में संशोधन करके अस्थायी गो आश्रय स्थलों की स्थापना और संचालन के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गो आश्रय स्थलों की स्थापना और संचालन के लिए अब ग्राम पंचायत और नगर निकाय स्तर पर भी अनुश्रवण समितियों को गठन किया जाएगा। वहीं जिला स्तरीय समिति हर माह बैठक कर संचालन की समीक्षा करेंगी। इसके लिए निराश्रित गोवंश संरक्षण के बनी नीति में संशोधन किया गया है।
ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकाय में अस्थायी गो आश्रय स्थलों की स्थापना व संचालन की नीति के तहत अब तक जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति को हर तीन माह में दो बार और उसके बाद हर माह बैठक करने की अनिवार्यता थी। अब हर माह बैठक करने की व्यवस्था लागू की गई है।
इतने महीने में होगी बैठक
वहीं मंडल स्तरीय समितियों को तीन माह में एक बार बैठक करनी होगी। इसके अलावा ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय स्तर पर भी स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समितियों का गठन किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तरीय समिति में ग्राम प्रधान अध्यक्ष होगा।
ग्राम पंचायत सदस्य सचिव और पशुधन प्रसार अधिकारी व लेखपाल सदस्य बनाए जाएंगे। यदि गो आश्रय स्थल किसी एनजीओ द्वारा संचालित किया जा रहा हो तो उसके द्वारा नामित एक सदस्य भी रखा जाएगा। वहीं स्थानीय नगर निकाय स्तरीय समिति में नगर निकाय के अध्यक्ष को अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी या उनके द्वारा नामित सुपरवाइजर सदस्य सचिव और स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी या उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सदस्य बनाया जाएगा।

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