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    UP News: आबकारी में भी 22,821 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, इन्वेस्टर्स समिट से पहले अब तक 17 निवेशकों ने किए एमओयू

    By Alok MishraEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Sat, 14 Jan 2023 11:59 PM (IST)

    अपर मुख्य सचिव ने निवेशकों के साथ समीक्षा बैठक भी की जिसमें 43 निवेशकों ने प्रतिभाग किया जिन्हें ईज आफ डूइंग बिजनेस की जानकारी देते हुए प्रोत्साहित किया गया। इनमें 16 निवेशकों ने लगभग 5029 करोड़ रुपये के निवेश के लिए तत्काल प्रोफार्मा भरकर उपलब्ध कराया।

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    इनमें लगभग 16,392 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व आबकारी विभाग भी निवेश के प्रस्तावों को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिसका परिणाम है कि अब तक 22,821 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव, आबकारी विभाग संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि आसवनी, यवासवनी, अल्कोहल पर आधारित उद्योगों पर उद्योग स्थापित किये जाने के लिए 17 निवेशकों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। 

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    इनमें लगभग 16,392 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। दो निवेशकों ने पोर्टल के माध्यम से उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें 1400 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। पोर्टल पर कुल 17,792 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।

    अपर मुख्य सचिव ने निवेशकों के साथ समीक्षा बैठक भी की, जिसमें 43 निवेशकों ने प्रतिभाग किया, जिन्हें ईज आफ डूइंग बिजनेस की जानकारी देते हुए प्रोत्साहित किया गया। इनमें 16 निवेशकों ने लगभग 5,029 करोड़ रुपये के निवेश के लिए तत्काल प्रोफार्मा भरकर उपलब्ध कराया। इस तरह अब तक लगभग 22,821 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। 

    बैठक में अपर मुख्य सचिव ने निवेशकों को प्रदेश में आसवनी, यवासवनी, दाक्षासवनी, माइक्रोब्रेवरी, यीस्ट इकाइयों, माल्ट निर्माण किये जाने, कैरामल निर्माण किये जाने वाले उद्योगों की जानकारी दी। बताया कि राज्य सरकार ने शीरा, अनाज, केनजूस, आलू व अन्य माध्यमों से आसवनी स्थापना की स्वीकृति प्रदान किये जाने संबंधी शासनादेश जारी किया गया है। 

    प्रदेश में स्थिति होटल बार में माइक्रोब्रेवरी स्थापना तथा फ्रूट वाइन निर्माण किए के लिए नियमावलियां प्रकाशित कर दी गई हैं। हार्टीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने फ्रूट प्राप्त कर फ्रूट वाइन का निर्माण किये जाने पर वाइन पर लगने वाले कर में पांच वर्षों तक छूट की व्यवस्था की गई है।