Girl Education in UP : छात्राएं बनेंगी आत्मनिर्भर, बालिकाओं को बढ़ेगा आत्मबल, शिक्षिकाएं बनेंगी रोल माडल
Girl Education System will be Modern in UP परियोजना के तहत हर जिले से छह शिक्षक राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित होंगे। बाद में ये मास्टर ट्रेनर्स प्रदेश के 45656 उच्च प्राथमिक विद्यालयों की मीना मंच सुगमकर्ता शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। इसका उद्देश्य है बालिकाओं को शिक्षा जीवन कौशल स्वास्थ्य स्वच्छता लैंगिक समानता और आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत करना।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश सरकार बेटियों के सशक्तीकरण को नई दिशा देने जा रही है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत ''स्पेशल प्रोजेक्ट फार इक्विटी'' के अंतर्गत प्रदेशभर में चयनित 450 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये ट्रेनिंग चार से 21 अगस्त के बीच सीमैट, प्रयागराज में नौ बैचों में होगी।
इस परियोजना के तहत हर जिले से छह शिक्षक राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित होंगे। बाद में ये मास्टर ट्रेनर्स, प्रदेश के 45,656 उच्च प्राथमिक विद्यालयों की मीना मंच सुगमकर्ता शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। इसका उद्देश्य है बालिकाओं को शिक्षा, जीवन कौशल, स्वास्थ्य, स्वच्छता, लैंगिक समानता और आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत करना।
यह योजना बालिकाओं को आत्मविश्वास और सुरक्षा का वातावरण देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। शिक्षिकाएं अब सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि छात्राओं को आत्मरक्षा, नेतृत्व और संवाद कौशल में भी प्रशिक्षित करेंगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के अधिकार से सशक्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। ‘स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी’ जैसे अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बालिका को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जीवन कौशल और आत्मविश्वास से भरपूर वातावरण मिले। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित शिक्षिकाएं न सिर्फ शिक्षण का स्तर सुधारेंगी, बल्कि सामाजिक जागरूकता और आत्मरक्षा जैसी आवश्यकताओं के प्रति भी छात्राओं को सजग करेंगी। यह प्रशिक्षण हर बालिका तक परिवर्तन की ज्योति पहुंचाने का एक मिशन है।
मीना मंच को और प्रभावी बनाएगी यह कार्यशाला
राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय द्वारा सभी जिलों को विस्तृत कार्ययोजना और दिशा-निर्देश पहले ही भेज दिए गए हैं, जिसमें मास्टर ट्रेनर्स की नामांकन प्रक्रिया से लेकर कार्यशाला की तिथियों और बैचों की योजना स्पष्ट रूप से निर्धारित है। सीमैट प्रयागराज में आयोजित होने वाली यह कार्यशाला बालिकाओं से संबंधित संवेदनशील मुद्दों को समझने, उनके अधिकारों और जरूरतों पर केंद्रित होगी। ज्ञात हों कि 'मीना मंच' वर्षों से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं की आवाज़ बनने का माध्यम रहा है। अब इस मंच को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स द्वारा सुगमकर्ता शिक्षिकाओं को विषय-विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी, जिससे विद्यालयों में बालिकाओं के आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और संवाद कौशल में स्पष्ट वृद्धि हो सके।
डिप्टी डायरेक्ट बालिका शिक्षा डा. मुकेश सिंह के अनुसार, इस प्रशिक्षण से शिक्षिकाएं रोल माडल बनेंगी और विद्यालय में बालिकाओं के आत्मबल में स्पष्ट बदलाव दिखेगा। मीना मंच को प्रभावी बनाने की दिशा में यह कार्यशाला निर्णायक साबित होगी। सभी जिलों को कार्ययोजना और दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। यह परियोजना बालिकाओं को समान अवसर और अधिकार दिलाने की दिशा में एक अहम कदम है।
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