गाजीपुर में सीएम योगी ने विकसित उत्तर प्रदेश @2047 का संकल्प दोहराया, कहा- हर हाथ को काम, हर चेहरे पर खुशहाली का है लक्ष्य
गाजीपुर में 'प्रबुद्धजन संवाद संगम' में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म की सहिष्णुता पर जोर दिया और संविधान में 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द के शामिल होने पर टिप्पणी की। उन्होंने उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराया, जहां हर हाथ को काम और हर चेहरे पर खुशहाली हो। योगी ने संत रामाश्रय दास जी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया और आधुनिक ज्ञान के साथ पारंपरिक आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उत्तर प्रदेश 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था का अग्रणी बन सके।
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डिजिटल डेस्क, गाजीपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भुड़कुड़ा सिद्ध पीठ में आयोजित ‘प्रबुद्धजन संवाद संगम’ कार्यक्रम में कहा कि भारत की सनातन धर्म की परंपरा ने कभी भी उपासना विधि में कट्टरता नहीं दिखाई, और दुनिया आज तक धर्म और पंथ के अंतर को नहीं समझ पाई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बाबा साहेब के संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द चोरी-छिपे डाला गया। मुख्यमंत्री ने अपने संकल्प को स्पष्ट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाया जाएगा, जहां हर हाथ को काम, हर सर को छत, हर खेत में पानी, हर चेहरे पर खुशहाली और हर बेटी व व्यापारी को सुरक्षा मिले। इस विकास के माध्यम से उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था का अग्रणी फोर्स बनकर नेतृत्व करेगा।
पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं रामाश्रय दास जी महाराज
जनपद में आयोजित ‘प्रबुद्धजन संवाद संगम’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भुड़कुड़ा सिद्ध पीठ में पूज्य संत रामाश्रय दास जी महाराज की भव्य और दिव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने पीठाधीश्वर पूज्य संत श्री शत्रुघ्न दास जी महाराज, महाविद्यालय परिवार और क्षेत्रवासियों के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भुड़कुड़ा सिद्ध पीठ भारतीय आध्यात्मिक परंपरा, विशेषकर सतनामी संप्रदाय, से जुड़ा हुआ है। उन्होंने संत रामाश्रय दास जी महाराज की शिक्षाओं और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि महाविद्यालय परिसर में उनकी मूर्ति स्थापित करना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।
जाति पाति पूछे ना कोई, हरि को भजे सो हरि का होई
उन्होंने भारत की सनातन परंपरा, धार्मिक सहिष्णुता और आध्यात्मिक ज्ञान को वैश्विक संदर्भ में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि जो मंदिर जाएगा वही हिंदू है और जो नहीं जाएगा वह नहीं। हमारी परंपरा सबको गले लगाती है। उन्होंने संत रामानंद के विचारों को भी उद्धृत किया- ''जाति पाति पूछे ना कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।" मुख्यमंत्री ने गाजीपुर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत का उल्लेख करते हुए महर्षि विश्वामित्र और भगवान राम के संबंध को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इसी परंपरा और ज्ञान के आधार पर गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई।
ज्ञान के साथ पारंपरिक आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़ना आवश्यक
योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों और छात्रों से आग्रह किया कि वे अनुशासन, गुरु और संतों के प्रति श्रद्धा बनाए रखते हुए शिक्षा और विकास की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान के साथ पारंपरिक आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़ना आवश्यक है, ताकि समाज और राष्ट्र का कल्याण हो। मुख्यमंत्री ने विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के लक्ष्य को भी दोहराया और सभी संस्थाओं से सुझाव देने का आह्वान किया, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्किल डेवलपमेंट, पर्यटन और निवेश जैसे क्षेत्रों में प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने महाविद्यालय और पीठ के सभी विद्यार्थियों, आचार्यों, भक्तों और अनुयायियों को दीपावली की मंगलमय शुभकामनाएं दीं और पूज्य संत रामाश्रय दास जी महाराज की प्रतिमा स्थापना का महत्व समझाया।
इस अवसर पर पूज्य संत श्री शत्रुघ्न दास जी महाराज, प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, राज्यसभा सांसद संगीता बिंद बलवंत, सपना सिंह, विशाल सिंह चंचल, विधायक जखनिया बेदी राम, बीजेपी के पदाधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
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