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हर्बल दवा से पथरी की सर्जरी से छुटकारा, किडनी स्टोन के साथ जख्म भी होंगे ठीक

एनबीआरआइ ने तैयार की दवा, किडनी स्टोन के साथ-साथ जख्म को भी करेगी ठीक, ह्यूमन ट्रायल के लिए केजीएमयू से हुआ करार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 12:41 PM (IST)
हर्बल दवा से पथरी की सर्जरी से छुटकारा, किडनी स्टोन के साथ जख्म भी होंगे ठीक
हर्बल दवा से पथरी की सर्जरी से छुटकारा, किडनी स्टोन के साथ जख्म भी होंगे ठीक

लखनऊ[रूमा सिन्हा]। गुर्दे की पथरी अब आपको ज्यादा समय तक दर्द नहीं देगी। सीएसआइआर-एनबीआरआइ ने ऐसी हर्बल दवा तैयार की है, जिससे पथरी गल जाएगी। यही नहीं, पथरी से किडनी में जो जख्म होंगे दवा उन्हें भी भर देगी। 

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एनबीआरआइ के निदेशक डॉ. एसके बारिक ने बताया कि गंगा के मैदानी क्षेत्र में पाए जाने वाले पांच पौधों से इस दवा को तैयार किया गया है। दवा की सेफ्टी व टॉक्सीसिटी की जांच भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) से कराई गई है। पेटेंट दायर कर दिया गया है। ह्यूमन ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से अनुमति प्राप्त करने के लिए पत्र भेजा गया है। डॉ.बारिक ने बताया कि अनुमति मिलते ही केजीएमयू की यूरोलॉजी विभाग के साथ ट्रायल किए जाएंगे। चूंकि दवा हर्बल है इसलिए इसमें कोई कठिनाई नहीं आएगी। 

यह हैं विशेषताएं

  • किडनी स्टोन का साइज कम कर उसे गलाती है।
  • स्टोन से होने वाले जख्म को ठीक करती है।
  • लिथोटिप्सी से जो कॉर्टियल टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं उसे दुरुस्त करती है

इन्होंने किया शोध : डॉ. एसके बारिक, डॉ. शरद श्रीवास्तव, डॉ. अंकिता मिश्र, डॉ. विकास श्रीवास्तव व अन्य।

एनबीआरआइ का 65 वां स्थापना दिवस आज : सीएसआइआर-एनबीआरआइ अपना 65वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को मनाएगा। संस्थान के सेंट्रल लॉन में शाम छह बजे से आयोजित समारोह में इंडियन फार्माकोपिया कमीशन के सेक्रेटरी व साइंटिफिक डायरेक्टर डॉ. ज्ञानेंद्र नाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। बेंगलुरु के यूनीवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के प्रो.आर.उमा शंकर अध्यक्षता करेंगे।

 

एक रुपये से भी कम होगी दवा की कीमत

फार्माकाग्नोसी डिवीजन के डॉ.शरद श्रीवास्तव बताते हैं कि दवा को बनाने में मात्र पांच वनस्पतियों का प्रयोग किया गया है जो बहुतायत में उपलब्ध हैं। बाजार में जो दो दवाएं उपलब्ध हैं उनमें 22 व 27 तत्वों का प्रयोग किया गया है। यही नहीं देखा गया है कि एनबीआरआइ द्वारा विकसित दवा उनके मुकाबले कहीं अधिक प्रभावी है। डॉ.श्रीवास्तव का दावा है कि जो एलोपेथिक दवा टेमसुलोसिन किडनी स्टोन के लिए दी जाती है। 


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