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    ए-25, बी-25, सी-25 का क्या है मतलब? रसोई में ही कर सकते हैं गैस सिलिंडर की एक्सपायरी डेट की जांच 

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:30 PM (IST)

    फैजाबाद में हुए धमाके के बाद गैस सिलिंडर की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। तेल कंपनियों ने सिलिंडर की एक्सपायरी डेट जांचने के आसान तरीके बताए हैं। सिलिंडर पर दिए गए कोड (A-25, B-25, C-25, D-25) से उसकी वैधता का पता लगाया जा सकता है। एक्सपायरी के बाद सिलिंडर का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। सिलिंडर लेते समय सील और वजन की जांच करना भी ज़रूरी है।

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    रसोई में ही कर सकते हैं गैस सिलिंडर की एक्सपायरी डेट की जांच, ए-25, बी-25, सी-25 का क्या है मतलब? 


    जागरण संवाददाता, लखनऊ। फैजाबाद में गुरुवार रात हुआ धमाका किस वजह से हुआ यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा लेकिन गैस सिलिंडर में विस्फोट से भी इनकार नहीं किया जा सकता। थोड़ी से सावधानी और जागरूकता से भविष्य में किसी हादसे से बचा जा सकता है। तेल कंपनियों ने गैस सिलिंडर को लेकर कई बार दिशा निर्देश जारी किए हैं।

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    उपभोक्ता के सामने बड़ा सवाल है कि किसी सिलिंडर की आयु कितनी आखिर इसका पता कैसे लगाया जाए। यह जानना बेहद आसान है। जब भी आपके घर गैस सिलिंडर की डिलीवरी हो चेक करें कि नोजल के पास बने रिंग में ए-25, बी-25, सी-25 या डी-25 की तरह कोई एक कोड पड़ा है या नहीं।

    उदाहरण के लिए अगर आपके घर आए सिलिंडर पर ए-25 पड़ा है तो इसका अर्थ है कि यह 2025 मार्च तक सुरक्षित और वैध है। अगर आगे इस सिलिंडर का प्रयोग करना हो ताे इसकी क्षमता की जांच करानी होगी। इसी तरह बी-25 दर्ज है तो जून तक सिलिंडर तक वैध है। सी-25 दर्ज है सितंबर 2025 तक और डी-25 अंकित है तो दिसंबर 2025 तक वैध है।

    इन बातों का भी रखें ध्यान 

    एक्सपायर डेट के बाद सिलिंडर का प्रयोग खतरनाक हो सकता है। सिलिंडर की धातु कमजोर पड़ जाती है जिससे गैस का रिसाव हो सकता है डिलीवरी लेते समय एक्सपायरी डेट जरूर करें। सिलिंडर को हमेशा खुले और हवादार स्थान पर रखें। बंद कमरे या तहखाने में रखने पर रिसाव होने पर आग पकड़ सकती है।

    रसोई में प्रयोग करते समय सिलिंडर को वर्टिकल पोज़िशन में ही रखें कभी भी जमीन पर लिटाकर नहीं रखें। सिलिंडर लगाने से पहले सील और वाल्व की अच्छी तरह से जांच करें। रेगुलेटर और पाइप हमेशा आइएसआइ मार्क के ही लगाएं ताकि सुरक्षित रहें। रबर पाइप हर दो साल में बदलें और उसमें किसी भी दरार या टूट-फूट की जांच नियमित रूप से करते रहें।

    गैस रिसाव की जांच समय समय पर करते रहें। जांचने के लिए साबुन के पानी को नोजल पर डालें। अगर रिसाव होगा तो पानी के बुलबुले निकलेंगे।

    घटतौली को लेकर भी रहें सावधान

    रीफिलिंग के कारण दुर्घटनाएं तो हो ही रही हैं उपभोक्ताओं को नुकसान भी हो रहा है। एलपीजी में कटिंग करके सिलिंडर घरों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ता डिलीवरी लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। डिलीवरी के समय उपभोक्ता को सिलिंडर की सील जरूर देखनी चाहिए अगर सील टूटी होने या छेड़छाड़ की आशंका लग रही है तो सिलिंडर लेने से मना कर सकता है।

    सिलिंडर लेते समय डिलीवरी मैन से तौल जरूर कराएं। तौल के लिए उसके पास एक इलेक्ट्रानिक कांटा होता है। अगर डिलीवरी मैन अपने साथ इलेक्ट्रानिक कांटा नहीं लाया है तो सिलिंडर लेने से मना कर सकते हैं। घरेलू सिलिंडर में 14.2 किलोग्राम गैस होती है और खाली सिलिंडर का वजन 15 से 16 किलोग्राम तक होता है।

    प्रत्येक सिलिंडर पर उसका वजन लिखा होता है। जब भी सिलिंडर आए तो उस पर लिखे वजन और अंदर गैस का वजन जोड़कर तौल कराएं। इसी तरह व्यवसायिक सिलिंडर का वजन करीब 19 किलोग्राम और इसमें 47.5 किलाेग्राम गैस होती है।वहीं छोटू सिलिंडर में दस किलोग्राम गैस और खाली सिलिंडर का वजन पांच किलोग्राम होता है।