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    Dasheri Mango: लखनऊ में बागवानों की जेब पर भारी पड़ी दशहरी आम की खराब गुणवत्ता, अधि‍क उत्‍पादन के बाद भी रही खरीदारों की कमी

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Fri, 09 Jul 2021 08:30 AM (IST)

    अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस बार गुणवत्ता की कमी से बागवानों को कम लाभ हुआ। मौसम की मार के बावजूद इस बार उत्पादन अधिक हुआ लेकिन गुणवत्ता की कमी से बागवानों को लाभ नहीं हो सका।

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    गुणवत्ता की कमी की वजह से दशहरी आमों के बागवानों को लाभ नहीं हो सका।

    लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। फलों के राजा आम की बात होती है तो जेहन में मलिहाबादी दशहरी की खुशबू और उसकी मिठास बरबस याद आती है। मौसम की मार के बावजूद इस बार उत्पादन अधिक हुआ, लेकिन गुणवत्ता की कमी से बागवानों को लाभ नहीं हो सका। अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस बार गुणवत्ता की कमी से बागवानों को कम लाभ हुआ। केंद्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान के निदेशक डा.शैलेंद्र राजन ने बताया कि बेमौसम बारिश से इस बार आम कमी गुणवत्ता में आई कमी का असर उनकी माली हालत पर पड़ी है। आम सड़ने जल्दी लगा है।

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    वर्षवार उत्पादन

    • 2017-1,82000 मीट्रिक टन
    • 2018-1,12000 मीट्रिक टन
    • 2019-1,96000 मीट्रिक टन
    • 2020-1,68000 मीट्रिक टन
    • 2021-224000 मीट्रिक टन

    विदेश गया आम

    • 2017-414.44 मीट्रिक टन
    • 2018-456.83 मीट्रिक टन
    • 2019-841.357 मीट्रिक टन
    • 2020-380.046 मीट्रिक टन
    • 2021-50 मीट्रिक टन

    इन देशों में है आम की मांग: लंदन, दुबई, जर्मनी, अमेरिका, शारजहां, स्पेन, दोहा, मिलान, स्वीडन, इटली, बरमिंहम, नीदरलैंड,आबूधाबी, मस्कट, नेपाल, नार्वे सहित कई देशों में आम का निर्यात होता है।

    आनलाइन मिलेगा प्रशिक्षण

    यूनिट लगाने के लिए आवेदन करने वाले बागवानों को आनलाइन प्रशिक्षण की निश्शुल्क व्यवस्था के साथ ही अनुदान भी दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से बजट भी दे दिया गया है। ऐसे प्रवासी बेरोजगार जो यूनिट लगाना चाहते हैं वे अपने जिले के जिला उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी से मिलकर प्रस्ताव भेज सकते हैं। प्रशिक्षण में आम या अन्य फलों के जूस के साथ ही जैम, जैली, अंचार व मुरब्बा के साथ ही टॉफी व चाकलेट बनाना भी सिखाया जाएगा।

    यहां लगेंगी यूनिट:

    प्रदेश में राजधानी के मलिहाबाद समेत प्रदेश के बाराबंकी, अयोध्या, मेरठ, उन्नाव, बुलंदशहर, अमरोहा,सीतापुर,सहारनपुर, बागपत, प्रतापगढ़, वारासणी व हरदोई में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी।

    प्रदेश में आम उत्पादन पर एक नजर

    प्रदेश में 13 जिले में आम बेल्ट-15

    आम का क्षेत्रफल-2.66 लाख हेक्टेयर

    कुल उत्पादन 43.52 मीट्रिक टन

    निर्यात-848 लाख मीट्रिक टन

    प्रति हेक्टेयर उत्पादन-17.20 मीट्रिक टन

    फूड प्रोसेसिंग यूनिट-370

    रोजगार मिलेगा-25750

    उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डा.आरके तोमर ने बताया कि बागवानों को फायदा देने और सरकार की मंशा के अनुरूप श्रमिकों को रोजगार देने के उद्देश्य को लेकर यूनिट लगाई जा रही हैं। प्रोसेसिंग के साथ ही बागवानी, मधुमक्खी पालन के साथ ही स्वराेजगार का प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। गुणवत्ता में कमी के बावजूद आम उत्पादन औसत रहा है।