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    Weather Update: गंगा-यमुना की बाढ़ विकराल, प्रयागराज-वाराणसी की गलियों में चल रहीं नावें, हजारों लोग बेघर

    Updated: Tue, 17 Sep 2024 08:14 AM (IST)

    Weather Update UP गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ ने प्रयागराज और वाराणसी में भारी तबाही मचाई है। दोनों शहरों की गलियों में नावें चल रही हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। प्रशासन बाढ़ राहत कार्य में जुटा है लेकिन बारिश होने पर जलस्तर फिर से बढ़ सकता है। वाराणसी में नाव संचालन बंद कर दिया है।

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    प्रयागराज के छोटा बघाड़ा में जलमग्न होने के बाद फंसे लोगों को नाव से सुरक्षित निकाला l जागरण

    जागरण टीम, लखनऊ। चेतावनी बिंदु पार कर खतरे के निशान के पास बह रहीं गंगा और यमुना ने कई गांवों के साथ ही प्रयागराज और वाराणसी में शहरी क्षेत्र के कई मुहल्लों को भी चपेट में ले रखा है। दोनों शहरों की गलियों में वाहनों की जगह अब नावें चल रही हैं।

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    फर्रुखाबाद समेत गंगा तट किनारे बसे अन्य जिलों में भी बाढ़ ने कई गांवों में जनजीवन मुश्किल कर दिया है। उधर, अयोध्या, मऊ, आजमगढ़ व बलिया समेत अन्य जिलों में सरयू नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है तथा बाढ़ के साथ ही कटान से ग्रामीणों की नींद उड़ाए है।

    प्रयागराज शहर के मुहल्ले और 150 गांव प्रभावित

    गंगा-यमुना में आई बाढ़ के चलते प्रयागराज शहर के 20 से ज्यादा मुहल्ले तथा 150 से अधिक गांव प्रभावित हैं। लगभग 20 हजार लोग बेघर हो गए। करीब डेढ़ हजार लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों में शरण ली है तो काफी संख्या में लोग अपने सगे-संबंधियों के पहुंच गए हैं।

    दोनों नदियां सोमवार दोपहर बाद तक रौद्र रूप धारण की हुई थीं, जिसके बाद गंगा स्थिर हुई और शाम को मामूली तौर पर जलस्तर घटना शुरू हुआ। शाम को यमुना भी स्थिर हुईं और रात में जलस्तर कम होना प्रारंभ हुआ। इसके बाद भी प्रशासन की चिंता बनी हुई है कि बारिश हुई तो फिर जलस्तर बढ़ सकता है। दोपहर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 के सापेक्ष 84.07 मीटर पहुंच गया था जो शाम को घटकर 84.06 मीटर पर आ गया।

    वाराणसी के घाटों पर नौका संचालन बंद

    यमुना का जलस्तर दोपहर में 83.91 मीटर रहा जो शाम तक यही रहा। यमुना में भी खतरे का निशान 84.73 मीटर है। वाराणसी में घाटों पर नौका संचालन बंद होने के बाद अब गलियों में नाव चलने तक की नौबत आ चुकी है। वहीं वरुणा नदी में पलट प्रवाह से निचले मोहल्लों में पानी भरने के बाद लोग पलायन करने लगे हैं। कई परिवार बाढ़ राहत शिविर पहुंच गए हैं। निचले क्षेत्रों में फसलें डूबने के साथ ही पशुओं के लिए हरे चारे का अभाव होने लगा है।

    गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर

    वाराणसी में शाम चार बजे आधा सेमी प्रतिघंटे की दर से गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु 71.26 के सापेक्ष जलस्तर 70.76 मीटर तक पहुंच चुका है। गाजीपुर में गंगा का जलस्तर सोमवार दोपहर खतरा निशान 63.105 से 0.315 मीटर ऊपर 63.420 मीटर पर स्थिर हो गया। बलिया में गंगा खतरा बिंदु 57.615 मीटर के सापेक्ष 59.180 मीटर पर बह रही हैं।