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    Ganga Expressway युवाओं के रोजगार का माध्यम बनेगा गंगा एक्सप्रेसवे, 430 किलोमीटर का निर्माण पूरा

    Updated: Thu, 01 May 2025 08:10 PM (IST)

    Ganga Expressway मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई जिलों में स्थलीय निरीक्षण के बाद गंगा एक्सप्रेस पर निर्माण कार्य ने काफी गति पकड़ ली है। मेरठ और प्र ...और पढ़ें

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    अभी तक 430 किलोमीटर का निर्माण पूरा कर लिया गया है

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के किनारे मेरठ से प्रयागराज तक विभिन्न प्रकार के उद्योगों की स्थापना की जाएगी। फार्मा, कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, वेयरहाउसिंग और लाजिस्टिक्स से जुड़ी कई कंपनियों ने एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई है।

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    उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने उन्नाव नोड पर उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि भी आवंटित कर दी है। उत्तर प्रदेश को इसी वर्ष गंगा एक्सप्रेसवे के रूप में एक और एक्सप्रेस वे मिल जाएगा। 594 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे का निर्माण दो नवंबर तक पूरा हो जाएगा। अभी तक 430 किलोमीटर का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

    यूपीडा के एसीईओ हरि प्रताप शाही ने बताया कि उन्नाव नोड में पोलैंड की कंपनी कैनपैक, यूवी बेवरेजेस, यूएई की कंपनी एक्वाब्रिज सहित कई बड़ी कंपनियां निवेश कर रही हैं। छह लेन में बनाया जा रहा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। इसलिए इन जिलों के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इसके निर्माण के बाद प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी भागों के बीच नागरिकों को सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी। 36,230 करोड़ रुपये की इस परियोजना को दो नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

    594 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ हापुड़ बुलंदशहर अमरोहा संभल बदायूं शाहजहांपुर हरदोई उन्नाव रायबरेली प्रतापगढ़ और प्रयागराज के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। इसका निर्माण पूरा होने के बाद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज के औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी।

    • यूपीडा ने तीन नवंबर 2022 को इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी।
    • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका निर्माण महाकुंभ से पहले पूरा कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी यह संभव नहीं हो सका था।
    • 36,230 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत 7453.13 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।

    छह लेन में बन रहे इस एक्सप्रेस वे को वाहनों की 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इस पर शाहजहांपुर के जलालाबाद में लड़ाकू विमानों के लिए 3.5 किलोमीटर हवाई पट्टी का भी निर्माण पूरा कर लिया गया है। मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334 पर स्थित बिजौली गांव से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज बाईपास पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 पर जुड़ापुर दांद गांव पर समाप्त होगा। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद संबंधित 12 जिलों सहित के औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी।