यूपी में FSDA का बड़ा एक्शन, 30 करोड़ की नकली दवाएं जब्त; 68 गिरफ्तार
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने 2024-25 में 30 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त कीं और 68 लोगों को गिरफ्तार किया। नकली दवा कारोबार में शामिल ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 30 करोड़ रुपये मूल्य की नकली दवाएं जब्त करने के साथ ही संबंधित मामलों में 68 लोगों को गिरफ्तार करने का काम किया। नकली दवा के कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर 1166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त किए गए।
एक वर्ष में की गई कार्रवाइयों का ब्यौरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत करते हुए एफएसडीए के अधिकारियों ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 1039 छापेमारी अभियान चलाए गए, जिनमें 13,848 नमूने नमूने लिए गए। नकली दवा के कारोबार में संलिप्त पाए गए 1166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त किए गए। 68 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। 30 करोड़ रुपये मूल्य की 77 नकली दवाएं जब्त की गईं।
नकली दवा के कारोबार में सबसे ज्यादा कार्रवाई आगरा, लखनऊ और गाजियाबाद शहर में हुई। इन शहरों में नकली दवाओं के साथ ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, नारकोटिक्स औषधियां और नकली कॉस्मेटिक उत्पाद जब्त किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस अवधि में 463 दवा निर्माण इकाइयों, 647 ब्लड बैंकों और 10,462 बिक्री प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। दवा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही दवा निर्माण की छह इकाइयों तथा पांच ब्लड बैंकों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए। राजधानी लखनऊ में भी एसटीएफ के सहयोग से आक्सीटोसिन इंजेक्शन और नकली दवाओं के खिलाफ कई कार्रवाइयां की गईं।
आगरा में पांच नवंबर 2024 को 1.36 करोड़ रुपये की नकली दवाएं और गाजियाबाद में छह फरवरी 2025 को 90 लाख रुपये की नारकोटिक्स औषधियां जब्त की गईं। बरेली में अप्रैल 2025 में 50 लाख रुपये मूल्य की नकली कास्मेटिक उत्पाद जब्त किए गए। इसके अलावा, आयुर्वेदिक दवाओं की आड़ में एलोपैथिक दवाओं के मिलावट के मामले में भी कड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें से 14 नमूनों की जांच जारी है।

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