यूपी में FRU के रूप में उच्चीकृत प्रसव केंद्रों की बढ़ेगी संख्या, ईमाक-LSAS प्रशिक्षित डॉक्टर होंगे तैनात
उत्तर प्रदेश में प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) के रूप में विकसित सभी प्रसव केंद्रों को क्रियाशील किया जाएगा। वर्तमान में चिह्नित 427 प्रसव केंद्रों में ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) के रूप में विकसित सभी प्रसव केंद्रों को क्रियाशील किया जाएगा। वर्तमान में 427 प्रसव केंद्रों को एफआरयू के रूप में चिह्नित किया गया है।
इनमें से 376 क्रियाशील हैं। बचे हुए अन्य एफआरयू को क्रियाशील करने के लिए डाक्टरों की तैनाती की तैयारी की जा रही है।
एफआरयू में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) से रेफर होकर आने वाले आपातकालीन प्रसूति और नवजात देखभाल की विशेषज्ञ सेवाएं दी जाती हैं। इसमें सीजेरियन प्रसव, रक्त भंडारण और अति गंभीर प्रसूति मामलों में रेफर करने की सुविधा होती है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग निष्क्रिय एफआरयू को क्रियाशील करने के लिए प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएचएस) के एमबीबीएस डाक्टरों को आपातकालीन प्रसूति देखभाल (ईमाक) और जीवन रक्षक एनेस्थीसिया कौशल (एलएसएएस) का छह माह का प्रशिक्षण देकर दो साल के लिए एफआरयू पर नियुक्त करती है।
एक जनवरी से ईमाक और एलएसएएस का छह महीने का प्रशिक्षण शुरू होना है। इन प्रशिक्षित डाक्टरों को आगरा, अलीगढ़, अंबेडकर नगर, औरैया, आजमगढ़, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बिजनौर, बुलंदशहर, चित्रकूट, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजियाबाद, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, झांसी, कन्नौज, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मीरजापुर, मुजफ्फर नगर, पीलीभीत, प्रयागराज, रामपुर, संभल, शाहजहांपुर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, सुलतानपुर के 87 एफआरयू के लिए डाक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा़ रतन पाल सिंह सुमन ने बताया कि किसी एफआरयू पर ईमाक और एलएसएएस प्रशिक्षित दोनों डाक्टरों की कमी है और कहीं-कहीं किसी एक विशेषज्ञता की। डाक्टरों की उपलब्धता के अनुसार तैनाती की जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।