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    एफआरके की कमी से सरकार को 87 करोड़ रुपये का नुकसान, एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 10:55 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एफआरके की कमी के कारण सरकार को 87 करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा है। एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा ह ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर्स-आफिसर्स एसोसिएशन ने धान खरीद की प्रक्रिया में फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) की आपूर्ति बाधित रहने से सरकार को ब्याज के रूप में 87 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर धान खरीद में आ रही बाधाओं को को दुकान कराने का अनुरोध किया है।

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    एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा रिजर्व बैंक से कैश क्रेडिट लेकर पहले किसानों से खरीद की जाती है, फिर कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की डिलीवरी कराकर उस धनराशि की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से प्राप्त होती है।

    इस बार अभी तक एफआरके की आपूर्ति समय से नहीं हुई, इस कारण राज्य सरकार को लगभग 87 करोड़ रुपये की ब्याज के रूप में क्षति हो चुकी है, जो प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ मंडियों और सरकारी क्रय केंद्रो पर भारी मात्रा में धान का स्टाक हो गया है, जिससे खरीद प्रभावित हो रही है।

    पिछले वर्ष केंद्र खोलने के लिए प्राइवेट स्थान किराए पर लेने के लिए अनुमति दी गई थी, परंतु इस बार ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में भारी मात्रा में धान का स्टाक डंप है। इसके अलावा सत्यापन की व्यवस्था में इस साल लेखपालों को शामिल किया गया, जिससे यह प्रक्रिया बहुत धीमी हो गई है।

    एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से क्रय केंद्र पर भंडारण के लिए गोदाम लेने की अनुमति देने, केंद्र प्रभारियों को एक प्रतिशत धान की सूखन या आफलाइन धान प्रेषण की व्यवस्था करने, सत्यापन का जिम्मा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों देने और एफआरके की पर्याप्त आपूर्ति कराने की मांग की गई है।

    25 लाख टन धान की हुई खरीद

    खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार गुरुवार तक प्रदेश में 4,08,740 किसानों से 25 लाख टन धान की खरीद की गई है। धान विक्रय के लिए अब तक 8,67,232 किसानों ने पंजीकरण कराया है। वर्तमान में 4743 धान क्रय केंद्र स्थापित हैं।