पौधारोपण का राज खोलेगा एफआरआई, हरियाली का होगा आकलन, पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद
भारतीय वानिकी अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देश में हरियाली की स्थिति का आकलन करने के लिए एक अध्ययन शुरू करेगा। यह पौधारोपण की सफलता दर और वृक्षों के विकास पर केंद्रित होगा। एफआरआई विभिन्न क्षेत्रों के डेटा का विश्लेषण करेगा ताकि यह पता चल सके कि कौन से पौधे सबसे अच्छे से पनपते हैं। इस रिपोर्ट से सरकार को पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।

शोभित श्रीवास्तव, लखनऊ। प्रदेश सरकार तीन वर्षों (2020-21, 2021-22, 2022-23) में हुए पौधारोपण की थर्ड पार्टी जांच कराने जा रही है। कितने पौधे जिए-कितने सूख गए, पौधारोपण का राज अब वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) देहरादून खोलेगा।
इसके लिए वन विभाग व एफआरआइ के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) किया गया है। प्रत्येक जिले की 50 प्रतिशत तहसीलों में हरियाली की जांच की जाएगी। स्थल चयन रेंडम आधार पर किया जाएगा।
इन तीन वर्षों में 90 करोड़ पौधे लगे हैं। वन विभाग को थर्ड पार्टी जांच के लिए 4.11 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। जांच के लिए 15 टीमें लगाई जाएंगी और इसमें करीब 15 माह का समय लगेगा।
योगी सरकार के आठ वर्षों में 242 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं। पौधारोपण का परिणाम जानने के लिए हुए एमओयू पर एफआरआइ की निदेशक डा. रेणु सिंह व वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक योजना राम कुमार ने हस्ताक्षर किए हैं।
थर्ड पार्टी जांच के लिए तय की गई प्रक्रिया के तहत टीमें वन विभाग सहित अन्य विभागों के पौधारोपण का भी मूल्यांकन करेंगी। तहसीलों के रेंडम आधार पर चयन में यह ध्यान रखा जाएगा कि प्रत्येक कृषि-जलवायु क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व अवश्य हो।
चयनित तहसील में वन विभाग के पौधारोपण स्थलों में से न्यूनतम 10 प्रतिशत जबकि अन्य विभागों के पांच प्रतिशत स्थलों की जांच रेंडम आधार पर जरूर की जाएगी।
इनकी होगी जांच
- पौधों की जीवितता, वन क्षेत्र में वृद्धि का असर।
- पौधारोपण स्थल पर मिट्टी में कार्बन की मात्रा।
- पौधारोपण से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार की स्थिति।
- किसानों के पौधारोपण से पर्यावरणीय संतुलन पर असर।
- नदियों के किनारे हरियाली का आकलन।
- पौधारोपण से सामाजिक व आर्थिक असर।
ऐसे की जाएगी जांच
- एक हेक्टेयर तक के पौधारोपण स्थल के एक-एक पौधे की गणना होगी।
- एक हेक्टेयर से अधिक होने पर 0.1 हेक्टेयर के नमूना खंड के 10 प्रतिशत हिस्से की गणना होगी।
- नमूना खंड इस प्रकार से बनाए जाएंगे ताकि वे संपूर्ण क्षेत्रफल का प्रतिनिधित्व कर सकें।
- लंबाई में पौधारोपण होने पर प्रत्येक 500 मीटर में 50 मीटर के खंड की गणना होगी।
पौधारोपण की स्थिति
| वर्ष | पौधों की संख्या | 
| 2020-21 | 25 करोड़ | 
| 2021-22 | 30 करोड़ | 
| 2022-23 | 35 करोड़ | 

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