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    Lucknow Plot Scam: एलडीए के भूखंडों को नवरात्रि में बेचने की थी तैयारी, पुराने बाबुओं की आइडी का किया गया इस्‍तेमाल

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Mon, 11 Oct 2021 07:30 AM (IST)

    लखनऊ विकास प्राधिकरण के तेरह भूखंडों में छह को बेचने की तैयारी नवरात्रि में थी। यह भूखंड पहले बेचे जा चुके हैं इनमें कुछ को दोबारा तो कुछ को तीसरी बार अन्य पार्टियों को बेचना था। यही नहीं दलालों के खातों में एडवांस पैसा भी आ गया था।

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    एलडीए में एक एक दिन में दो रजिस्ट्री वह भी दो व्यक्तियों के नाम हुई।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण के तेरह भूखंडों में छह को बेचने की तैयारी नवरात्रि में थी। यह भूखंड पहले बेचे जा चुके हैं, इनमें कुछ को दोबारा तो कुछ को तीसरी बार अन्य पार्टियों को बेचना था। इसके लिए दलालों ने लविप्रा के बाबुओं से मिलकर स्टंप पेपर खरीद लिए थे और रजिस्ट्री डीड भी तैयार कर ली थी। यही नहीं दलालों के खातों में एडवांस पैसा भी आ गया था। ऐसे में तेरह भूखंडों का फर्जीवाड़ा सामने आते ही आवंटी लविप्रा के चक्कर लगाने के साथ ही गोमती नगर के चार दलालों के घर पहुंच गए हैं, क्योंकि हकीकत खरीददारों को अखबारों में खबर छपने के बाद पता लगी। उधर लविप्रा के कम्प्यूटर अनुभाग में दो बाबुओं की आइडी व लॉगिन इस्तेमाल करते हुए इन तेरह में कई भूखंडों का ब्योरा फिर फर्जी तरीके से चढ़ा दिया गया था। खरीददारों को पूरा विश्वास दिलाने के लिए यह कूटरचित तरीका अपनाया गया। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी व सचिव लविप्रा की पूछताछ में बाबू पवन ने कुछ ऐसे ही बातें बताई हैं। जांच में सामने आया है कि लविप्रा बाबू पवन ने 1/162 विनीत खंड की रजिस्ट्री राजनाथ मिश्रा के नाम पर कराई और इसी दिन 4/67 ए विकल्प खंड की रजिस्ट्री मीना के नाम पर दस सितंबर 2021 को कराई।

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    लविप्रा बाबू ने मिलीभगत करते हुए राजनाथ मिश्रा के नाम पर दूसरी रजिस्ट्री 2/51 एम विराज खंड की 28 सितंबर 2021 को करा दी, करीब उन्नीस दिन बाद दूसरी रजिस्ट्री का खेल हो गया। इन तेरह भूखंडों व मकानों में पांच तो विनम्र खंड के हैं। उधर 18 सितंबर को भी दो रजिस्ट्री हुई। इनमें 2/150 विराज खंड राजेश पाठक और 2/62 विभूति खंड की रजिस्ट्री नीरज सिंह के नाम पर हुई। इससे पहले सात अगस्त 2021 को 3/293 विराट खंड और 3/123 विनम्र खंड की रजिस्ट्री हो गई। जांच में सामने आया है कि आखिर जब लविप्रा बाबू पवन तेरह रजिस्ट्री पांच माह में कराने रजिस्ट्री आफिस जाता रहा, तो इस दौरान वह घंटों आफिस से गायब भी रहा, लेकिन इसकी भनक बाबू के वरिष्ठों तक नहीं लगी और हाजिरी रजिस्टर में ड्यूटी पर भी रहा।

    सचिव लविप्रा रजिस्ट्रियों पर आज लेंगे निर्णय: सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार नई रजिस्ट्रियों पर आज उपाध्यक्ष से वार्ता करने के बाद निर्णय लेंगे। दर्जनों रजिस्ट्रियां शुक्रवार को जांच के कारण रोक दी गई थी। हर साल नवरात्रि में रजिस्ट्री कराने वालों की सबसे ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में आवंटियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।