किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा, खेत बेचने के बाद भी लाभ ले रहे थे फर्जी किसान
PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018-19 में किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत किसान परिवार के एक सदस्य को छह ...और पढ़ें

विभाग फिलहाल इनका सत्यापन करा रहा
दिलीप शर्मा, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भी बड़ा खेल सामने आया है। बड़ी संख्या में इस योजना का लाभ अपात्रों भी ले रहे थे। इनकी सम्मान निधि रोक दी गई है और विभाग फिलहाल इनका सत्यापन करा रहा है।
प्रदेश में एक खेत पर उसके वर्तमान स्वामी के साथ खेत को बेचने वाले भी सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे। किसानों ने भूमि के पूर्व स्वामी संबंधी जानकारी ही गलत निकलने पर जालसाजी का मामला सामने आया है। पत्नी-पत्नी दोनों के योजना का लाभार्थी बनने के मामले भी सामने आए हैं। बहुत लाभार्थी ऐसे भी हैं, जिनके नामांतरण संबंधी विवरण पर शक है। इनके अलावा 45,875 अवयस्क लाभार्थियों का डाटा भी संदिग्ध है। भारत सरकार ने ऐसे 24.32 लाख संदिग्ध लाभार्थियों का डाटा एकत्र कर कृषि विभाग को भेजा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018-19 में किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत किसान परिवार के एक सदस्य को छह हजार रुपये की राशि दो-दो हजार रुपये की तीन किस्त में दी जाती है। अब तक 21 किस्त जारी की जा चुकी हैं। प्रदेश में शुरुआत में 2.88 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला था। इसके बाद सत्यापन संबंधी अन्य प्रक्रियाओं में अपात्र लाभार्थियों की संख्या कम होती रही है।
हाल ही में जारी की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त का लाभ प्रदेश के 2.15 करोड़ से अधिक किसानों को ही दिया गया था। शेष किसानों में से 24,32,823 किसानों के अपात्र होने का संदेह है। भारत सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों और विभागों के डाटा से लाभार्थियों की सूची का मिलान करने के प्रक्रिया में यह मामले सामने आए हैं।
इनमें 12,30,192 किसान ऐसे हैं, जिनकी भूमि के पूर्व स्वामी का विवरण गलत है। 3,11,099 मामलों में संबंधित जमीन के पुराने और वर्तमान मालिक दोनों सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे। 2,91,908 किसानों की भूमि का नामांतरण, विरासत के आधार पर नहीं है और उन पर अपात्र होने के बाद भी लाभ लेने का संदेह है। वहीं 5,53,749 मामलों ऐसे हैं, जिनमें पति-पत्नी दोनों के द्वारा सम्मान निधि ली जा रही थी।
कृषि विभाग ने सभी जिलों को इसका विस्तृत विवरण भेजा है और कई माह से एक-एक नाम के सत्यापन का काम चल रहा है। निदेशक कृषि डा. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार के स्तर से संदिग्ध लाभार्थियों का डाटा तैयार हुआ है। इसके सत्यापन के संबंध में नियमित रिपोर्ट भेजी जा रही है। जल्द ही काम पूरा हो जाएगा।
इन में सर्वाधिक भूमि स्वामी के गलत विवरण के मामले
जिला - संदिग्ध लाभार्थी
जौनपुर - 61,033
सीतापुर - 46,729
आजमगढ़ - 45,564
सुलतानपुर - 42,628
प्रतापगढ़ - 41,245
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इन जिलों में सर्वाधिक संदिग्ध दंपती लाभार्थी
जिला - संदिग्ध लाभार्थी
प्रतापगढ़ - 37,233
प्रयागराज - 29,358
सीतापुर - 18,862
संभल - 18,413
बहराइच - 15,343
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इन जिलों में सर्वाधिक बिना विरासत नामांतरण मामले
जिला - संदिग्ध लाभार्थी
जौनपुर - 18,242
सुलतानपुर - 15,587
सीतापुर - 12,699
प्रतापगढ़ - 12,201
बुलंदशहर - 9162
इन जिलों सर्वाधिक एक भूमि पर दो लाभार्थी के मामले
जिला - संदिग्ध लाभार्थी
आजमगढ़ - 13,666
देवरिया - 10,916
जौनपुर - 11,018
अंबेडकरनगर - 9195
कुशीनगर - 8232

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