Fraud in Ayushman Yojana : आयुष्मान योजना फर्जीवाड़े में अस्पतालों ने नहीं लौटाए 4.29 करोड़ रुपये
Fraud in Ayushman Yojna स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज में अधिकारियों व कर्मचारियों की आईडी हैक कर 39 अस्पतालों को अनियमित भुगतान किए जाने का यह फर्जीवाड़ा मई के दूसरे पखवारे में किया गया था। इसकी सूचना मिलने पर पिछले सप्ताह साचीज की तरफ से पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 9.94 करोड़ के फर्जीवाड़े में अस्पतालों से पैसा वापस कराने में स्टेट हेल्थ एजेंसी (साचीज) के पसीने छूट रहे हैं। अनियमित भुगतान पाने वाले कई अस्पताल नोटिस पाने के बाद भी पैसा लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं। इन अस्पतालों के पास अब भी 4.29 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। साचीज ने फर्जीवाड़े से भुगतान पाने वाले सभी अस्पतालों को निलंबन के लिए नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि साचीज (स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज) में अधिकारियों व कर्मचारियों की आईडी हैक कर 39 अस्पतालों को अनियमित भुगतान किए जाने का यह फर्जीवाड़ा मई के दूसरे पखवारे में किया गया था। इसकी सूचना मिलने पर पिछले सप्ताह साचीज की तरफ से पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसमें अस्पतालों को 9.94 करोड़ रुपये का भुगतान गलत तरीके से किए जाने का जिक्र है।
इस घटना के बाद साचीज ने 11 जिलों के उन 39 अस्पतालों को अनियमित भुगतान के तहत खाते में पहुंचे पैसे वापस करने की नोटिस जारी किया। नोटिस के बाद गुरुवार की शाम तक 5.65 करोड़ रुपये की वसूली ही हो सकी थी। अब भी 4.29 करोड़ रुपये कई अस्पतालों ने दबा रखे हैं। पैसा वापस नहीं करने वाले अस्पतालों की सूची तैयार कराई जा रही है। बताया जाता है कि इन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
उधर, इस फर्जीवाड़े के बाद साचीज ने टीएमएस-एक पोर्टल पर लंबित सभी मामलों को तेजी से निस्तारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि इस पोर्टल से काम पूरी तरह बंद कर सिर्फ टीएमएस-दो के माध्यम से समस्त कामकाज हों।
साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा की तरफ से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण भारत सरकार को सूचित किया गया है कि वह साफ्टवेयर समेत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक सुरक्षित व सुदृढ़ बनाएं। सीईओ के मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाले ने किसी भी अस्पताल को उनके बकाये दावों से अधिक पैसे ट्रांसफर नहीं किए हैं। आयुष्मान योजना से राज्य में इस समय सरकारी और निजी क्षेत्र के 5891 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। जिनका करीब 800 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान किया जाना है।
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