लखनऊ के गोमती के दोनों तटों पर बनेगी फोर लेन चौड़ी सड़क, बसंतकुंज योजना से शहीद पथ तक होगा निर्माण
लखनऊ में बसंतकुंज योजना से शहीद पथ तक होगा निर्माण मुख्य सचिव ने दिया डीपीआर बनाने का निर्देश नई सड़क से यात्रियों का बचेगा पचास फीसद समय ईंधन की कम खपत से पर्यावरण को भी लाभ। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जल्द ही विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) बनाने का निर्देश दिया।

लखनऊ, जेएनएन। जाम से झाम से झल्लाने वाले लखनऊ के बाशिंदों के लिए यह राहत भरी खबर है। बसंतकुंज योजना से शहीद पथ तक गोमती नदी के दोनों तटों पर चार लेन सड़क बनाने का निर्णय शासन ने लिया है। दावा है कि यह नई सड़क बन जाने से न सिर्फ यात्रियों का आधा समय बचेगा, बल्कि ईंधन की खपत कम होने से पर्यावरण को भी लाभ होगा। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जल्द ही विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) बनाने का निर्देश दिया है।
गोमती नदी के दोनों तटबंधों पर ग्रीन कॉरिडोर बनाने संबंधी परियोजना की बैठक शनिवार को लोकभवन में हुई। अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने परियोजना के वित्त पोषण पर सिंचाई, नगर विकास और लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन से विचार-विमर्श कर निर्देश दिया कि आवास विभाग नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। सड़क के पास स्थित विभिन्न विभागों की जमीन को इससे संबद्ध कर निजी सहभागिता के आधार पर बजट का प्रबंध किया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए डीपीआर तैयार कराएं। उन्होंने कहा कि डीपीआर के लिए भारत सरकार की संस्था यूएमटीसी का सहयोग भी लिया जा सकता है। साथ ही इस विकल्प पर भी विचार कर लिया जाए कि परियोजना के लिए भारत सरकार से किस प्रकार की वित्तीय सहायता ली जा सकती है। मुख्य सचिव ने इस वर्ष के अंत तक काम शुरू करने पर जोर दिया है। जिलाधिकारी एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने प्रोजेक्ट के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने पहले चरण में आइआइएम रोड से शहीद पथ के बीच मिसिंग लेन को पूरा करते हुए चार लेन सड़क निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। बताया कि इससे शहर की यातायात समस्या में अपेक्षित सुधार होगा। दूसरे चरण में शहीद पथ से किसान पथ के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना प्रस्तावित है।
दोनों चरणों में गोमती नदी के दोनों तटबंधों को शामिल करते हुए बाकी 25.2 किलोमीटर का बंधा निर्माण, 7.35 किमी के तीन ओवरब्रिज, 8.45 किमी पर बंधे के चौड़ीकरण और सड़क निर्माण की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि परियोजना की अनुमानित लागत 2603.50 करोड़ रुपये है। इसमें से 1754.65 करोड़ रुपये पहले चरण और 728.40 करोड़ रुपये दूसरे चरण पर खर्च होने का अनुमान है। बैठक में अपर मुख्य सचिव जल शक्ति विभाग टी. वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार, विशेष सचिव वित्त शुभ्रा मित्तल, कंसल्टेंट एरिनम कंसलटेंसी सर्विसेज प्रालि व यूएमटीसी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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