यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने साझा किए संस्मरण, कहा- अखिलेश ने अनसुना कर दिया था उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का सुझाव
यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राज्यपाल बनते ही उत्तर प्रदेश की अस्मिता जगाने वाला यह दिन मनाने का सुझाव दिया। अखिलेश ने नजरअंदाज किया लेकिन योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही उस पर अमल कर उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाया।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राज्यपाल रहते उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन के लिए प्रयासरत रहे राम नाईक ने वहां मुंबई में उत्तर प्रदेश वासियों के बीच अपने संस्मरण साझा किए। उत्तर भारतीय परिषद द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह में यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि प्रदेश की अस्मिता जगाने वाले इस दिवस को मनाने का सुझाव पहले उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया था, जिसे अनसुना कर दिया गया। 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमल करते हुए 24 जनवरी, 2018 से इसकी शुरुआत कराई।
यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि वैसे तो उत्तर प्रदेश की स्थापना 1950 में हुई, लेकिन अन्य राज्यों की तरह स्थापना दिवस नहीं मनाया जाता था। मुंबई में 'अभियान' संस्था तो यह दिन 1999 से मनाती आ रही है, इसलिए राज्यपाल बनते ही उत्तर प्रदेश की अस्मिता जगाने वाला यह दिन मनाने का सुझाव दिया। अखिलेश ने नजरअंदाज किया लेकिन योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही उस पर अमल कर 'उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस' मनाया।
नाईक ने कहा कि अब भी मेरा वहां की जनता से संपर्क है, इसलिए मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब यूपी की जनता जाति के आधार पर नहीं, विकास के मुद्दे पर मतदान करती है। विधानसभा चुनाव के परिणाम में यह अवश्य दिखेगा। समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े द्वारा उत्तर प्रदेश दिवस प्रारंभ कराने की प्रेरणा देने के लिए राम नाईक और मुंबई में वर्षों से यह दिन मनाने वाले अमरजीत मिश्र को सम्मानित किया गया।