लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। शिक्षक राजनीति में भीष्म पितामह कहे जाने वाले शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत विभिन्न नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि ओमप्रकाश शर्मा वरिष्ठ व अनुभवी नेता थे। वह शिक्षक कल्याण व शिक्षा जगत के लिए सदैव तत्पर रहे थे। उनके निधन से शिक्षा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने शर्मा के निधन पर गहरा शोक जताते हुए उनके शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने शर्मा के निधन से शिक्षा क्षेत्र को क्षति बताते हुए कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके शोकाकुल परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे।
शिक्षक नेता एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य श्री ओमप्रकाश शर्मा जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति।— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 16, 2021
संसदीय परंपराओं के मर्मज्ञ: विधान परिषद में रिकॉर्ड 48 वर्षों तक सेवाएं देने वाले शिक्षक दल नेता ओम प्रकाश शर्मा के निधन से सत्ता पक्ष, विपक्ष से लेकर शिक्षक सब शोकाकुल हैं। सभी ने उन्हें संसदीय परंपराओं के मर्मज्ञ बताया। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि उन्हें गहरा आघात लगा है। स्वर्गीय शिक्षक नेता से पारिवारिक संबंध होने के नाते यह उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। उन जैसा शिष्ट, शालीन, संविधान और विधि मर्मज्ञ कोई दूसरा नेता नहीं है। उनकी आत्मीयता ऐसी थी कि जब भी लखनऊ आते मेरठ की गजक साथ लाते। 'चार दिन पहले ही उनका फोन आया था और हम दोनों ने एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछी थी।'
शिक्षक नेता विधान परिषद के पूर्व सदस्य श्रद्धेय ओमप्रकाश शर्मा जी के निधन पर गहरा शोक और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ भगवान से प्रार्थना है पुण्यात्मा को चरणों में स्थान परिजनों समर्थकों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 16, 2021
ॐशांति शांति pic.twitter.com/wpGwbvSsL8
शिक्षक आंदोलन के महानायक: विधान परिषद में नेता विपक्ष अहमद हसन ने शर्मा के नहीं रहने की खबर को अत्यंत दुखद बताया। कहा कि उनसे प्रखर वक्ता और अच्छा इंसान मैंने नहीं देखा। सभापति से लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी उनसे मार्गदर्शन लेते थे। शिक्षक नेता और विधान परिषद सदस्य राजबहादुर सिंह चंदेल ने उन्हें प्रदेश की अद्वितीय शख्सियत बताया। कहा कि वह शिक्षक आंदोलन के महानायक थे। विधान परिषद में जब भी सदन के नियमों, परंपराओं को लेकर संशय की स्थिति पैदा होती थी तो ओम प्रकाश शर्मा ही अपने विलक्षण संसदीय ज्ञान से उसका हल ढूंढ़ते थे। बकौल चंदेल, तीव्र स्मरण शक्ति वाले ओम प्रकाश शर्मा के संसदीय वैदुष्य का लोहा सभी मानते थे।
शिक्षक सम्मान के लिए आग्रही: ओम प्रकाश शर्मा की छत्रछाया में शिक्षक राजनीति का ककहरा सीखने वाले शिक्षक दल के एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी नेहरू ने रुंधे गले से कहा कि मैं अनाथ हो गया हूं। एक युग का अंत हो गया है। शिक्षक हितों की सजग प्रहरी की तरह उन्होंने उच्च सदन की सेवा में बेदाग 48 वर्ष दिए। ऐसी मिसाल नहीं मिलेगी। शिक्षक दल के एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा मैं निशब्द हूं। शिक्षकों के सम्मान के लिए उन जैसा आग्रही कोई और नहीं देखा। यह उनका करिश्माई व्यक्तित्व ही था कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के कार्यक्रमों में कई मौकों पर तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने भी शिरकत की। उत्तर प्रदेश अवकाश प्राप्त माध्यमिक शिक्षक कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्र ने पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके निधन को शिक्षाजगत के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया है।
निरुत्तर हो गए थे प्रमुख सचिव: एमएलसी राजबहादुर सिंह चंदेल ने बताया कि वर्ष 1993 में तत्कालीन प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा करनैल सिंह ने वेतन वितरण अधिनियम को समाप्त करने की सिफारिश की थी। जब ओम प्रकाश शर्मा को या पता चला तो वह शिक्षक दल के सभी विधायकों समेत करनैल सिंह के दफ्तर में पहुंचे। वेतन वितरण अधिनियम को समाप्त करने के विरोध में उन्होंने दमदारी से दलीलें दीं तो करनैल सिंह निरुत्तर हो गए।
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