Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक मिश्रीलाल गिरफ्तार, EOW ने की कार्रवाई

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 10:04 PM (IST)

    आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने आठ करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक मिश्रीलाल पासवान को गिरफ्तार किया है। वित्तीय वर्ष 2010-11 और 2011-12 के दौरान हुए इस घोटाले में अधिकारियों और गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट की मिलीभगत से पीजीडीएम छात्रों की छात्रवृत्ति में हेराफेरी की गई। आरोप है कि प्रति छात्र अधिक रकम जारी करके आठ करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।

    Hero Image
    छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक मिश्रीलाल गिरफ्तार।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने आठ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक मिश्रीलाल पासवान (सेवानिवृत्त) को गिरफ्तार किया है। मामले में तीन अन्य तत्कालीन अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शासन ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू की सौंपी थी, जिसमें वित्तीय वर्ष 2010-11 व 2011-12 के मध्य समाज कल्याण के तत्कालीन निदेशक मिश्रीलाल पासवान समेत अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट रुड़की (उत्तराखंड) के तत्कालीन ट्रस्टी गुरसिमरन सिंह चड्ढा के विरुद्ध जांच चल रही है।

    डीजी ईओडब्ल्यू नीरा रावत के अनुसार मामले में आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत पीजीडीएम पाठ्यक्रम के 336 छात्रों की छात्रवृत्ति में घपला किया गया। निरीक्षक एके शुक्ला ने बताया कि प्रति छात्र 91,600 रुपये छात्रवृत्ति प्रदान की जानी थी। जबकि प्रति छात्र 2.30 लाख रुपये छात्रवृत्ति जारी की गई। गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट व अधिकारियों ने मिलकर छात्रवृत्ति के रूप में अधिक रकम प्रदान कर लगभग आठ करोड़ रुपये का घपला किया।

    कई फार्म अपूर्ण थे पर उनका सत्यापन तक नहीं कराया गया और छात्रवृत्ति की रकम जारी कर दी गई। कई छात्रों का फर्जी प्रवेश दिखाकर रकम हड़प ली गई। उन्होंने बताया कि आरोपित मिश्रीलाल पासवान के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद लखनऊ के महानगर से गिरफ्तार किया गया। तत्कालीन ट्रस्टी की तलाश की जा रही है। मामले में समाज कल्याण के तत्कालीन योजना अधिकारी, पटल सहायक व अधीक्षक शिक्षा अनुभाग के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है।