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स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे पूर्व DGP सुलखान सिंह, बोले- नहीं किया रामचरित मानस का अपमान

पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने फेसबुक पर स्वामी का समर्थन करते हुए लिखा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अभिजात्य वर्ग की प्रतिक्रिया ठीक नहीं है। मौर्य ने रामचरितमानस का अपमान नहीं किया है। मात्र कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। उन्हें इसका अधिकार है।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Tue, 31 Jan 2023 11:55 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 11:55 AM (IST)
स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी मामले में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का भी बयान सामने आया। जागरण

जागरण संवाददाता, लखनऊ: रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी मामले में आश्चर्यजनक रूप से पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का भी बयान सामने आया है। सिंह ने फेसबुक पर स्वामी का समर्थन करते हुए लिखा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अभिजात्य वर्ग की प्रतिक्रिया ठीक नहीं है। मौर्य ने रामचरितमानस का अपमान नहीं किया है। मात्र कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। उन्हें इसका अधिकार है।

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स्वामी प्रसाद के बयान को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी सुलखान सिंह को डीजीपी के पद पर रहते हुए सिंतबर, 2017 में तीन माह का सेवा विस्तार भी मिला था। सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वर्ष 2019 में पुलिस आधुनिकीकरण व सुदृढ़ीकरण आयोग का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई की उठाई मांग

भाजपा पदाधिकारियों ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर एफआइआर दर्ज करने की मांग करते हुए कोतवाल को तहरीर दी है।नगर भाजपा अध्यक्ष महेंद्र सोनी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी एकत्र हुए और नारेबाजी करते एक तहरीर कोतवाल दिलेश कुमार सिंह को दी, जिसमें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी करने व उनके समर्थकों द्वारा श्रीरामचरित मानस की प्रतियों को जलाने के मामले को लेकर कार्रवाई की मांग की गई है। इस दौरान रिंकू सक्सेना, सोनू सोनी, जितेंद्र राठौर, रवि चौधरी, अनुराग शुक्ल, शिवम सिंह सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने में स्वामी प्रसाद समेत 10 पर मुकदमा

श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने के मामले में पीजीआइ थाने की पुलिस ने रविवार देर रात सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने सोमवार सुबह पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश में दबिश दे रही है।

एडीसीपी पूर्वी सय्यद मो. अली अब्बास के मुताबिक रविवार देर रात ऐशबाग के रहने वाले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर पीजीआइ पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र सिंह, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा, सलीम और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

सतनाम सिंह का आरोप है कि श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाकर इन आरोपितों ने हिंदू समुदाय की भावना को आहत करने, सांप्रदायिक दंगा व विद्वेष फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का जानबूझ कर प्रयास किया है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

ओबीसी महासभा को प्रतिबंधित करने की मांग

श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने वालों के विरोध में कई हिंदू संगठन सड़क पर आ गए। अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ परिवर्तन चौक पहुंचे। वहां अखिल भारतीय ओबीसी महासभा को प्रतिबंधित करने और आरोपितों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की मांग की। इस बीच डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक को प्रवक्ता और महासभा के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया और पांच आरोपितों की गिरफ्तारी होने पर आभार व्यक्त किया।


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