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    यूपी के एयरपोर्ट पर 3 पासपोर्ट के साथ पकड़ी गई ये विदेशी महिला, भारत में है ब्लैकलिस्टेड

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 09:43 PM (IST)

    लखनऊ एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट के साथ पकड़ी गई विदेशी महिला को पुलिस ने जेल भेज दिया है। महिला पहले भी भारत से डिपोर्ट हो चुकी है। लखनऊ के जसविंदर सिंह और उसके साथियों ने महिला के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाए थे। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है जिनके तार नेपाल तक जुड़े होने की आशंका है।

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    इमीग्रेशन पर तीन पासपोर्ट के साथ पकड़ी गई विदेशी महिला को भेजा जेल

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन में तीन फर्जी पासपोर्ट के साथ पकड़ी गई विदेशी महिला को सरोजनीनगर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब पुलिस उनसे जुड़े अन्य तीनों के तार खंगाल रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि पासपोर्ट में लगने वाली पुलिस रिपोर्ट किसने लगाई थी, इसका पता चल सके।

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    इंस्पेक्टर सरोजनीनगर राजदेव प्रजापति ने बताया कि जल्द ही गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। इंस्पेक्टर ने बताया कि विदेशी महिला भारत में ब्लैकलिस्टेड है। उसने फर्जी पासपोर्ट बनवा रखे हैं। फर्जी पासपोर्ट से भारत आई महिला का नाम थोंगफुन चायफा है। महिला को मार्च 2025 में एग्जिट परमिट पर भारत से भेजा गया था।

    इसके बाद वह फर्जी पासपोर्ट से फिर भारत आ गई थी और लखनऊ निवासी जसविंदर सिंह ने अपने साथियों की मदद से महिला के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाए थे। बताते है कि 20 अगस्त को इमिग्रेशन और खुफिया विभाग ने आरोपित जसविंदर और महिला को पकड़कर सरोजनी पुलिस को सौंपा था।

    पुलिस ने दोनों से पूंछताछ के बाद जाने दिया। महिला 21 अगस्त को फिर से एयरपोर्ट पहुंची इमिग्रेशन में अधिकारियों द्वारा उसे दोबारा पकड़ कर उसे सरोजनीनगर थाने पहुंचे। पुलिस के मुताबिक लखनऊ निवासी जसविंदर सिंह ने इस पूरे फर्जी पासपोर्ट खेल में अहम भूमिका निभाई।

    आरोप है कि उसने अपने सहयोगियों नवेंदु मित्तल और शुवेंदु निगम की मदद से महिला के लिए कई फर्जी पासपोर्ट बनवाए और उसे लखनऊ लाकर अपने घर में छिपाकर रखा था। अन्य साथियों की भी पड़ताल की जा रही है।

    नेपाल तक जुड़े गिरोह के तार

    पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरोह के तार नेपाल तक जुड़े हुए हैं। क्योंकि यह लोग सिर्फ इसी महिला को नहीं उससे जुड़े अन्य लोगों को भी उसी रास्ते से लाया जाता था। आखिर इतनी आसानी से पासपोर्ट कैसे बन रहा था, इसकी जानकारी पुलिस भी नहीं लगा सकी है।