Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विदेशी मुद्रा देकर लोगों से टप्पेबाजी करने वाले बांग्लादेशी समेत दो गिरफ्तार, सऊदी अरब के नोट बरामद

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 10:17 PM (IST)

    लखनऊ पुलिस ने विदेशी मुद्रा का लालच देकर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल है। ये आरोपी लोगों को विदेशी नोट दिखाकर उन्हें भारतीय मुद्रा में बदलने का लालच देते थे और फिर नकली नोटों की गड्डी थमा देते थे। पुलिस ने उनके पास से सऊदी अरब के नोट, मोबाइल फोन और नकदी बरामद की है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। वजीरगंज पुलिस ने शनिवार को विदेशी मुद्रा देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले बांग्लादेशी और पश्चिम बंगाल के दो टप्पेबाजों को गिरफ्तार किया।

    इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि टप्पेबाजों के पास से सऊदी अरब के 29 नोट, छह मोबाइल फोन, करीब 8100 रुपये और अन्य सामान बरामद किया है। गिरोह के अन्य टप्पेबाजों की तलाश की जा रही है।

    इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित बांग्लादेश के गोपालगंज गोहाला निवासी हसन शेख और पश्चिम बंगाल के गोरिया सोनारपुर निवासी उमर शेख हैं। दोनों दुबग्गा में रहकर फल का ठेला लगाने और कूड़ा बीनने का काम करते थे। बीते 20 नवंबर को निशातगंज पांचवीं गली निवासी गुल्लू सोनकर ने दो लाख रुपये की टप्पेबाजी का मुकदमा दर्ज कराया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरोपितों ने पीड़ित को सऊदी अरब के दो नोट दिखाकर विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपये में बदलने का लालच दिया। इसके बाद पीड़ित को डालीगंज पुल के पास बुलाया गया। पीड़ित ने दो लाख रुपये दिए तो आरोपितों ने उसे कपड़े में लिपटी नोट के आकार की अखबार की गड्डी पकड़ा दी, जिसमें केवल छह नोट असली थे।

    सीसी फुटेज की मदद से पुलिस ने आरोपितों की पहचान की। इंस्पेक्टर के अनुसार दोनों लखनऊ, दिल्ली, मुंबई व अन्य शहरों में टप्पेबाजी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। बरामद विदेशी मुद्रा की कीमत 29 हजार रुपये से अधिक है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपित यह विदेशी मुद्रा कहां से लाते थे।

    इंस्पेक्टर के मुताबिक हसन करीब आठ वर्ष पहले पश्चिम बंगाल बार्डर पार कर भारत आया था। बाद में वह दिल्ली में किराये पर रहने लगा। फर्जीवाड़ा कर दोनों ने दिल्ली के पते पर आधार कार्ड बनवाया और वहां कई टप्पेबाजी की घटनाएं कीं।

    इसके बाद दोनों मुंबई चले गए, जहां 2024 में जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार होकर जेल भेजे गए थे। रिहा होने के बाद वे लखनऊ आ गए और यहां कूड़ा बीनने तथा बाद में फल–सब्जी का ठेला लगाने लगे।

    कूड़े के ढेर में विदेशी मुद्रा मिलने का देते थे झांसा

    स्पेक्टर ने बताया कि आरोपित से पूछताछ की तो बताया कि वह लोगों से कहते थे कि उन्हें कूड़े के ढेर से विदेशी मुद्रा मिली है। जाल में फंसने के बाद दो नोट के बदले हजारों रुपये लेते थे। नोट बदलने के लालच में पीड़ित उनके संपर्क में आ जाते थे।