आइएएस अनुराग तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का परीक्षण करेगी विदेशी एजेंसी!
आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत का मामला। बड़े भाई मयंक ने कहा, डेढ़ साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची सीबीआइ।
लखनऊ, (ज्ञान बिहारी मिश्र)। बहराइच निवासी आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआइ डेढ़ साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में अनुराग के बड़े भाई मयंक ने कैबिनेट सेक्रेट्री से मुलाकात कर पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट का परीक्षण विदेशी एजेंसी से कराने की मांग की है।
मयंक का आरोप है कि जांच कर रही सीबीआइ टीम मामले को गलत दिशा में मोड़ रही है। उन्होंने जांच टीम को बदलने की मांग की है। कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग ने कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) में अपना कैडर बदलने की अपील भी थी। वे यूपी कैडर में आना चाहते थे।
इन सवालों का जवाब मांग रहा परिवार
मयंक ने घटना के बाद कहा था कि अनुराग ने उनसे सतर्क रहने को बोला था। आखिर अनुराग और उनके घरवालों को किससे खतरा था? क्या कर्नाटक में अनुराग किसी घोटाले की जांच कर रहे थे? क्या अनुराग के पास दूसरा फोन था, अगर हां तो वह कहां है? 17 मई 2017 को अनुराग को बेंगलुरु जाना था तो टकट किसने रद कराया था? अनुराग की मौत किन परिस्थितियों में हुई थी?
कब क्या हुआ
- 14 मई 2017 : अनुराग बहराइच स्थित अपने घर से शाम को निकले और लखनऊ आकर अपने दोस्त व एलडीए के वीसी प्रभु एन सिंह संग राज्य अतिथि गृह में ठहरे थे
- 16 मई : अनुराग व एलडीए वीसी रात को आर्यन रेस्त्रां से भोजन कर राज्य अतिथि गृह के कमरा नंबर 19 में चले गए थे
- 17 मई : सुबह करीब छह बजे अनुराग का शव राज्य अतिथि गृह से करीब 50 मीटर दूर पड़ा मिला था
- 18 मई : मामले की जांच के लिए तत्कालीन एसएसपी दीपक कुमार ने एसआइटी गठित की थी
- 20 मई : फॉरेंसिक टीम ने घटना का रीक्रिएशन किया था
- 22 मई : घरवालों ने सीएम से मुलाकात करने के बाद हजरतगंज कोतवाली में हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी। सीबीआइ जांच की संस्तुति हुई थी।