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    Diwali 2022: समृद्धि के लिए राशियों के अनुसार करें पूजन, सूर्यास्त से पहले आंगन में जलाएं एक बड़ा दीया

    By Jitendra Kumar UpadhyayEdited By: Vikas Mishra
    Updated: Sun, 23 Oct 2022 11:51 AM (IST)

    Diwali 2022 लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेयस्कर होगा। काली पूजा अमावस्या की मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है। राशियों के अनुरूप पूजन करने से आपके अधूरे कार्य पूरे होंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि राशियों के अनुरूप पुष्प व प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

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    Diwali 2022: दीपावली के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु के निमित्त दीपक प्रज्वलित करें ।

    Diwali 2022: लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। दीपावली के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु के निमित्त दीपक प्रज्वलित करें । महाकाली पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति और शत्रु भय से मुक्ति के साथ मुकदमें में विजय प्राप्त होती है। 24 अक्टूबर को होने वाली दीपावली पर दक्षिणावर्तीं शंख, श्री यंत्र, गोमती चक्र, मां लक्ष्मी, कुबेर यंत्र, हल्दी की गांठ और छोटा नारियल के साथ पूजन करना चाहिए।

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    आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेयस्कर होगा। काली पूजा अमावस्या की मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है। राशियों के अनुरूप पूजन करने से आपके अधूरे कार्य पूरे होंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि राशियों के अनुरूप पुष्प व प्रसाद चढ़ाना चाहिए। 

    राशि वाले कैसे करें पूजन

    • मेष-दीपावली के दिन श्री गणेश को पीले रंग की मिठाई व लड्डू का भोग लगाएं और मां लक्ष्मी की कमल दल से पूजा करें।
    • वृषभ-हनुमानजी को गुड़-चने का भाेग लगाएं और दक्षिण पूर्व के कोने पर तिल के तेल का दीपक जलाएं और पूजन करेें।
    • मिथुन- नारियल के साथ ही मां लक्ष्मी को सूखे मेवे या मेवे की मिठाई का भोग लगाएं। घर के आंगन के बीचो बीच तेल का दीपक जलाकर पूजन करें।
    • कर्क- श्री गणेश-लक्ष्मी पूजन के साथ ही गुरु वृहस्पति का भोग लगाएं। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाएं।
    • सिंह- कलश स्थापित कर पूजन करना श्रेयस्कर होगा। घर के मुख्य स्थानों पर देसी घी के दीपक जलाएं और लक्ष्मी जी को कमल अर्पित करें।
    • कन्या- पूजन से पहले में घी का दीपक जलाएं और भोजन दान करें। घर में तेल का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें।
    • तुला- पीपल को शर्बत चढ़ाकर तेल का दीपक जलाना श्रेयस्कर होगा। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाना उत्तम होगा।
    • वृश्चिक- घर के मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं और उसे रात भर जलने दें। हनुमान जी की पूजा करने से रुके कार्य पूर्ण होंगे।
    • धनु-गणेशजी को लड्डू का भोग लगाएं और लक्ष्मी स्वरूप गोमामा को रोटी और गुड़ खिलाएं। मुख्य स्थान पर घी या तेल का दीपक जलाएं
    • मकर- दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं और श्री गणेश को सफेद रंग की मिठाई व खील का भोग लगाएं।
    • कुंभ-घर के मध्य में तेल का बड़ा दीपक जलाएं और उसी के माध्यम से पूरे घर के रोशन करें। श्री गणेश और लक्ष्मी का पूजन करें।
    • मीन-मंदिर में दीपक, तेल तथा काली उड़द दान करने से सभी रुके काम पूरे हो जाएंगे। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाना चाहिए।

    घर और प्रतिष्ठान में पूजन का मुहूर्तः आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मुहूर्त के अनुरूप पूजन करना चाहिए। आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आचार्य अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि पूजन के मुहूर्त इस प्रकार है, जिसके अनुसार दीपावली पर पूजन करें। 

    • लाभ मुहूर्त- सुबह 11 :50 से दोपहर 1 :12 बजे तक।
    • अमृत मुहूर्त-दाेपहर 1 :12 बजे से दोपहर 2 :34 बजे तक।
    • शुभ मुहूर्त- दोपहर 3 :56 से शाम 5 :18 बजे तक
    • कुंभ लग्न- दोपहर 2:31 बजे से दोपहर 3:52 बजे तक (स्थिर लग्न)
    • प्रदोष काल - शाम 5:21 बजे से शाम 7:57 बजे तक
    • वृषभ लग्न- शाम 6:57 - शाम 8:35 बजे (घर में पूजा हेतु)
    • सिंह लग्न- रात्रि 1:25 बजे से रात्रि 3: 35 बजे तक ( ईष्ट साधना सिद्धि के लिए )
    • महानिशिथ काल- रात्रि 11:35 बजे से 12:26 बजे तक (काली पूजा तथा तांत्रिक पूजा के लिए )

    काली बाड़ी मंंदिर में होंगे अनुष्ठानः घसियारी मंडी स्थित 159 वर्ष पुराने काली बाड़ी में 24 अक्टूबर को रात्रि नौ बजे से अनुष्ठान होंगे। मंदिर के प्रबंधक कमेटी के सभापति गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि महानीशिथ काल में पूजा शुरू होगी। 108 दीपक,108 कमल का फूल एवं 108 बेल पत्र की माला से मां की पूजा होगी। 1001 बेल पत्तों से हवन होगा I पुलाव, मटर पनीर, पांच भाजा, मछली, खीर, चटनी, पापड़ एवं मिठाई के भोग के साथ समापन होगा।