अब एफपीओ से कच्चा माल खरीदेंगी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, किसानों को मिल सकेंगे बेहतर दाम
किसानों की आय बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां अब एफपीओ से कच्चा माल खरीदेंगी, जिससे स्थानीय एफपीओ को प्राथमिकता मिलेगी। इन इकाइयों को क्लस्टर विकास कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू की है, जिसके तहत कई इकाइयों को स्वीकृति दी गई है और एफपीओ का गठन किया जा रहा है।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में उनकी उपज की खपत बढ़ाई जाएगी। ये इकाइयां अब अपने उत्पादों के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से कच्चे माल की खरीद करेंगी।
इसमें भी स्थानीय एफपीओ को वरीयता दी जाएगी। वहीं इकाइयों को भारत सरकार के क्लस्टर विकास कार्यक्रम से भी जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को बेहतर दाम मिल सकेंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग अप्रैजल समिति ने यह निर्णय लिया है।
राज्य में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू की गई है। इसके तहत फल एवं सब्जी प्रसंस्करण, दुग्ध प्रसंस्करण, रेडी टू इट व रेडी टू कुक खाद्य पदार्थ, ब्रेक फास्ट सिरियल्स, स्नैक्स, बेकरी एवं अन्य खाद्य पदार्थ, अनाज, दाल एवं तिलहन प्रसंस्करण, अन्य कृषि, बागवानी उत्पाद, मसाले, सोयाबीन, मशरूम प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, कोको उत्पाद, गुड़ आधारित वैल्यू एडेड उत्पाद, फूट जूस-पल्पस तैयार कार्बोनेटेड पेय पदार्थ आदि इकाइयां स्थापित कराई जा रही हैं।
अब तक 240 इकाइयों को स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें से 70 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। वहीं एफपीओ के गठन का काम भी तेजी से किया जा रहा है। वर्तमान में 3995 एफपीओ स्थापित हो चुके हैं। प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार से किसानों के उत्पादों की खपत बढ़ रही है।
सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनको खुद भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है और एफपीओ भी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अब तक प्रसंस्करण इकाइयों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति के लिए अलग से कोई दिशा-निर्देश नहीं थी।
इसके चलते ही अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अध्यक्षता वाली अप्रैजल समिति ने यह निर्णय लिया है। सीधे एफपीओ के माध्यम से आपूर्ति होने की स्थिति में बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। अभी यह आदेश फ्रोजन फूड और सब्जियों संबंधी प्रसंस्करण इकाइयों के लिए ही दिया गया है।
दूसरी तरफ क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न फसलों-उत्पादों के लिए विशेष क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इकाइयों के इनके साथ जुड़ने से क्लस्टर तैयार करने में तेजी आएगी और किसानों को भी सीधे उपज बेचने का अवसर मिल सकेगा।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीधी खरीद से जहां इकाइयों को सही गुणवत्ता मिलेगी, वहीं एफपीओ से जुड़े किसानों को सही मूल्य मिल सकेगा।

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