Updated: Sun, 28 Jul 2024 11:23 AM (IST)
लखनऊ के लोगों को अब जाम के झाम से निजात मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अमौसी चौराहे पर एक छोटा फ्लाईओवर बनाने जा रहा है। इससे लखनऊ व कानपुर जाने वाला ट्रैफिक जहां जाम में नहीं फंसेगा वहीं नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र को जाने वाले वाहन सर्विस लेन से सीधे जा सकेंगे। इस प्रयास से यहां लगने वाला जाम काफी हद तक नियंत्रित हो सकेगा।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाले हल्के व भारी वाहन अब सर्विस लेन के जरिए सीधे जा सकेंगे। खास तौर पर कानपुर से लखनऊ की ओर आने वाले वाहनों को चौराहे के जाम में फंसकर परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अमौसी चौराहे पर एक छोटा फ्लाईओवर बनाने जा रहा है। इससे लखनऊ व कानपुर जाने वाला ट्रैफिक जहां जाम में नहीं फंसेगा, वहीं नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र को जाने वाले वाहन सर्विस लेन से सीधे जा सकेंगे। इस प्रयास से यहां लगने वाला जाम काफी हद तक नियंत्रित हो सकेगा।
केवल 10 प्रतिशत स्थानीय ट्रैफिक
वर्तमान में नब्बे प्रतिशत वाहन लखनऊ से कानपुर व कानपुर से लखनऊ का होता है। दस प्रतिशत ट्रैफिक स्थानीय है। यह फ्लाईओवर मात्र सत्तर मीटर का होगा, लेकिन वाहनों को गति देने में पूरी भूमिका निभाएगा। वहीं औद्योगिक क्षेत्र में अलग-अलग राज्यों से आने वाले वाहन जाम में नहीं फंसेंगे।
नादरगंज चौराहे पर बनने वाला फ्लाईओवर लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का ही हिस्सा है। एनएचएआइ का उद्देश्य है कि लखनऊ से कानपुर के बीच वाहनों की गति धीमी न हो और 63 किमी. का सफर 40 मिनट में पूरा हो सके, यह फ्लाईओवर एक्सप्रेसवे को गति देने में मदद करेगा। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से कानपुर, उन्नाव व अन्य गंतव्य को जाने वाले हवाई यात्रियों के लिए भी फ्लाईओवर मददगार होगा। उनका भी एयरपोर्ट जाने व आने में समय बचेगा।
एनएचएआइ के अफसरों ने बताया कि
फ्लाईओवर बन जाने से नादरगंज जाने वाले वाहनों का रास्ता साफ हो जाएगा और औद्योगिक क्षेत्र के आसपास बसी कालोनियों के लोगों को भी सहूलियत होगी।
जुलाई 2025 तक होना है लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का काम
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का काम जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य एनएचएआइ ने रखा है। वर्तमान में साठ प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एनएचएआइ सैनिक स्कूल से बनी तक 18 किमी का एलीवेटेड रूट बना रहा है। इसके आगे 45 किमी. की छह लेन रोड ग्रीन फील्ड में बनाई जा रही है।
प्राधिकरण के अफसर कहते हैं कि
एलीवेटेड व ग्रीन फील्ड का काम साथ-साथ किया जा रहा है। दिसंबर 2024 तक एक्सप्रेसवे का काम अस्सी प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि एक्सप्रेसवे को बनाने में 43 गांवों की जमीनें किसानों से मुआवजा देकर ली गई हैं।
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