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    UP: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात पांच संयुक्त निदेशकों को म‍िली नई जिम्मेदारी, डीजी हेल्थ ने नए सिरे से किया काम का बंटवारा

    महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. लिली स‍िंह ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात पांच संयुक्त निदेशकों के कामों का नए स‍िरे से बंटवारा क‍िया है। शासन की ओर से इसके ल‍िए आदेश भी जारी कर द‍िया गया है।

    By Prabhapunj MishraEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2022 03:06 PM (IST)
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    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात पांच संयुक्त निदेशकों को म‍िली नई जिम्मेदारी

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात पांच संयुक्त निदेशकों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. लिली स‍िंह की ओर नए सिरे से काम का बंटवारा किया गया। इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है।

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    संयुक्त निदेशक, गोपन डा. राजीव बंसवाल को संयुक्त निदेशक मुख्यालय व आहरण-वितरण अधिकारी का पदभार सौंपा गया है। इसके साथ-साथ इन्हें नई तैनाती होने तक संयुक्त निदेशक गोपन का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। डा. अरव‍िंद कुमार वर्मा, संयुक्त निदेशक, पैरामेडिकल को संयुक्त निदेशक कार्मिक का पदभार दिया गया है।

    डा. डीके स‍िंह, संयुक्त निदेशक (मुख्यालय) व आहरण वितरण अधिकारी के साथ-साथ परिवहन का अतिरिक्त कार्य अब तक देख रहे थे अब इन्हें संयुक्त निदेशक कार्मिक बनाया गया है और परिवहन का अतिरिक्त कार्य देखेंगे। डा. वीकेएस चौहान, संयुक्त निदेशक कार्मिक को संयुक्त निदेशक, सीएचसी बनाया गया है। डा. एसके रावत संयुक्त निदेशक समन्वय के साथ-साथ अभिलेख दर्शन का अतिरिक्त कार्य देख रहे थे। अब संयुक्त निदेशक, अभिलेख दर्शन बनाया गया है।

    औद्योगिक निवेश नीति की समयसीमा तीन महीने बढ़ाने का निर्णय: योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में लागू की गई उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 की समयसीमा को तीन महीने बढ़ाने का निर्णय किया है। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन किया गया। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 बनाई थी।

    प्रदेश में औद्योगिक निवेश करने वाले निवेशकों को नीति के अंतर्गत कई प्रोत्साहन दिये गए थे। 13 जुलाई 2017 को अधिसूचित होने के साथ ही यह नीति लागू हो गई थी। यह नीति अधिसूचना जारी होने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी थी। यह समयसीमा मंगलवार को समाप्त हो रही थी। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने नीति के लिए निर्धारित समयसीमा को तीन महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा था। इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई।