बच्चों की सेहत का रखा जाएगा ख्याल, यूपी सरकारी स्कूलों में अब मिलेगी ये जरूरी सुविधा
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों के प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बाक्स अनिवार्य रूप से रखे जाएंगे। इसमें चोट बुखार जुकाम और पेट दर्द की दवाएं होंगी। महानिदेशालय ने बीएसए और डीआईओएस को चिकित्सा किट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कंपोजिट स्कूल ग्रांट से यह व्यवस्था की जाएगी जिससे विद्यालय में तत्काल उपचार मिल सके।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सरकारी स्कूलों में बच्चों के प्राथमिक उपचार के लिए अनिवार्य रूप से फर्स्ट एड बाक्स रखे जाएंगे। जिसमें चोट लगने पर मरहम-पट्टी, बुखार, जुकाम और पेट दर्द इत्यादि की दवाएं रखी जाएंगी। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) व जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) को निर्देश दिए गए हैं कि वह चिकित्सा किट की विद्यालयों में व्यवस्था कराएं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. रतन पाल सिंह सुमन की ओर से बीते दिनों परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों और माध्यमिक स्कूलों में चिकित्सा किट अनिवार्य रूप से रखे जाने का सुझाव दिया गया था। विद्यालयों में फर्स्ट एड बाक्स में कौन-कौन सी दवाएं रखी जाएं इसकी सूची भी दी गई है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि से विद्यालयों में फर्स्ट एड बाक्स की व्यवस्था कराई जाएगी।
बाक्स में दवाएं
सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में फर्स्ट एड बाक्स में ओआरएस पाउडर, बुखार की पैरासिटामोल, उल्टी की ओंडम, पेट के संक्रमण की मेट्रोजिल सिरप, पेट में दर्द व ऐंटन डायसाइक्लोमाइन सिरप, चोट व घाव पर लगाने के लिए बीटाडीन मरहम, चोट के लिए बैंडडेट और एसिडिटी के लिए डाइजिन टैबलेट व शरीर दर्द दूर करने को डिक्लोफेनाक जेल रखा जाएगा।
उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि फर्स्ट एड बाक्स होने पर तत्काल प्राथमिक उपचार विद्यालय में ही हो सकेगा। अभी प्राथमिक उपचार के लिए उन्हें सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजना पड़ता है।
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